कारोबारी कमल चेतली लंबे वक्त तक भाजपा
में रहने के बाद शिअद में हो गए थे शामिल
लुधियाना/यूटर्न/20 अप्रैल। शिरोमणि अकाली दल-बादल ने भारतीय जनता पार्टी से चुनावी-गठजोड़ टूटने से भी पहले एक बड़ा सियासी-झटका दिया था। भाजपा के दो नेता सूबे के पूर्व मंत्री अनिल जोशी और युवा तुर्क कहलाने वाले कमल चेतली ने कमल छोड़कर तकड़ी थाम ली थी। खुद शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल ने दोनों नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत कर उनको खास अहमियत दी थी। लुधियाना से ताल्लुक रखने वाले चेतली भी हर मौके पर पूरे जोश से अकाली लीडरशिप के साथ कदमताल करते नजर आए।
यहां काबिलेजिक्र है कि शिअद मुखिया सुखबीर बादल कल मिशन-इलैक्शन के तहत लुधियाना दौरे पर थे। रात को उन्होंने जिले की पार्टी लीडरशिप से एक गोपनीय बैठक की। सूत्र बताते हैं कि इस डिनर-डिप्लोमेसी के दौरान छोटे बादल ने खासतौर पर उन नेताओं को बूस्टर-डोज दी, जो कुछ मुद्दों पर असंतुष्ट माने जाते हैं। गौरत
लब है कि इस अहम बैठक में पार्टी के युवा-तुर्क कमल चेतली डायनिंग टेबल के इर्दगिर्द बैठे प्रमुख नेताओं में कहीं नजर नहीं आए। अपने आप में यह चौंकाने वाली बात मानी गई।
लिहाजा यह जानकारी छनकर बहार आई तो अकाली वर्करों में इसे लेकर चर्चाएं शुरु हो गई हैं। कुछ वर्करों का मानना है कि शायद चेतली कहीं और बिजी होंगे। वहीं, एक राय यह भी सामने आई कि लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, लुधियाना के पार्टी उम्मीदवार को लेकर भी शिअद मुखिया ने फीडबैक लेना था, ऐसी अहम बैठक में चेतली की गैरमौजूदगी की वजह कुछ और ही लगती है। ऐसा भी मुमकिन नहीं कि शिअद प्रधान शहर में आए और उनको डिनर का न्यौता नहीं मिला हो। जबकि हजम न होने वाली चर्चा भी कुछ लोग कर रहे हैं कि चेतली को तो सुखबीर की गोपनीय बैठक की भनक तक नहीं थी।
———–