हद हो गई ! चंडीगढ़-मेट्रो चलाने का कब फैसला लेगा यूटी प्रशासन, केंद्र को डीपीआर तक नहीं भेजी

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दो साल में हो पाईं महज तीन मीटिंग, संसद में उठा मुद्दा तो हुए चौंकाने वाले खुलासे

चंडीगढ़, 4 अप्रैल। सिटी ब्यूटीफुल और मोहाली व पंचकूला को जोड़ने वाली ट्राइसिटी मेट्रो परियोजना को लेकर पसोपेश वाले हालात बने हैं। चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में यह सवाल उठाया था। जवाब में केंद्र सरकार ने साफ किया है कि इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी पूरी तरह चंडीगढ़ प्रशासन की है। अब तक केंद्र को इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट यानि डीपीआर तक नहीं मिली है।

गौरतलब है कि सांसद तिवारी ने लोकसभा में मेट्रो परियोजना को लेकर कई सवाल किए थे। जिनमें प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति, पैसे के बंदोबस्त और केंद्र सरकार की भूमिका के बारे में जवाब मांगा था। जवाब में आवास व शहरी कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि मेट्रो जैसी शहरी परिवहन योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करना संबंधित राज्य या यूटी की जिम्मेदारी है। बता दें कि ट्राइसिटी मेट्रो परियोजना की जरूरत को लेकर बनी समिति राइट्स तैयार रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठाती रही है। फरवरी ,2024 में हुई अंतिम बैठक में पेश स्टडी रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी शंका जताई गई थी।

ट्राइसिटी मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने अप्रैल, 2023 को यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन किया था। हालांकि अब तक इसकी केवल 3 बैठकें हुई हैं।

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