खन्ना 10 जनवरी। पंजाब में इन दिनों गेहूं संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गेहूं की शॉर्टेज के चलते ज्यादातर आटा मिलें बंद हो गईं हैं। जिससे आटे का प्रोडक्शन नहीं हो रहा। यही वजह है कि आटे के रेट भी 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। पंजाब रोलर्स फ्लोर मिल एसोसिएशन की तरफ से केंद्र सरकार से समाधान की मांग की गई है। पंजाब रोलर्स फ्लोर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश कुमार घई ने बताया कि दूसरे राज्यों से गेहूं की आवक से काफी समय पहले ही पंजाब में गेहूं की किल्लत हो गई है। इससे आटे के दाम लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं।
टेंडर न लगने से खत्म हुआ स्टॉक
उन्होंने कहा कि राज्यों को एफसीआई की ओर से गेहूं की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इस बार टेंडर न लगने से इसमें देरी हो गई है। स्टॉक किसी के पास नहीं है। जिससे पंजाब में आटे की भी किल्लत हो गई है। अधिकतर आटा मिलों में काम ठप पड़ा है। मिल संचालकों के पास गेहूं का स्टॉक नहीं है। दरअसल, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से मिलों में पहुंचने वाले सस्ते गेहूं की आवक ठप पड़ी है। अध्यक्ष नरेश कुमार घई ने कहा कि कल जो टेंडर लगे हैं, उसमें रेट 3 हजार 200 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचा है। जबकि गेहूं का सरकारी रेट 2 हजार 325 रुपए प्रति क्विंटल है।
मैदा व ब्रेड के दाम बढ़ेंगे
अध्यक्ष घई ने कहा कि आटे के दाम में बढ़ोतरी का असर अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं। खुदरा बाजार में मैदा के दाम में प्रति किलो दस रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, पंजाब में विभिन्न ब्रांड की ब्रेड भी महंगी हो सकती हैं। यदि जल्द ही आटे के दाम पर लगाम नहीं कसी गई तो अन्य चीजें भी महंगी हो सकती है।