लुधियाना 1 August: श्री सिद्ध पीठ दण्डी स्वामी मन्दिर में चल रही श्री राम कथा में वृन्दावन से परम श्रदेय श्री गौरदास जी महाराज जी ने बताया कि एक स्त्री को अकेले किसी भी अंजान पुरुष से बात नहीं करनी चाहिए कुंवारी है तो पिता या भाई के सामने विवाहिता है तो पति और बूढ़ी है तो पुत्र/पति के अनु- गत्य में बात करनी चाहिए। बात करे सीताजी ने अकेले में साधु रूप में रावण भिक्षा मांगने आया ऐसे बात की तो रावण उन्हे चुराकर ले गया।कथा में श्री महाराज जी ने कहा जब हम भक्त करते है तो उस समय भगवान के स्वरूप का अथवा चरणों का चिन्तन ही करना चाहिए। कुछ और सोचा तो मोह रूपी रावण बाधा डाल सकता है।जैसे हनुमन जी जब सीता जी अथवा भक्ति जी से कैसे मिले अशोक वाटिका में पेड़, पर बैठ सोच रहे थे, तभी रावण वहां आ गया।हमे जो करना चाहिए सोच समझ के करना चाहिए। हमे जो काम करना चाहिए भगवान का नाम लेकर ही करना चाहिए। क्यों कि भगवान के नाम से शुरू किया काम अवश्य पूरा होता है।भगवान ही हमे सच्चा और सही रास्ता दिखाता है।उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नही चल सकता।श्री राज कुमार शर्मा जी ने कहा कि यह कथा 4 अगस्त तक होगी।उसके बाद 5 अगस्त से 3 सितंबर तक महामंत्र जाप संकीर्तन होगा।
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