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मनुष्य जो बुरा कर्म करता है उसका फल हर कीमत पर चुकाना पड़ता है : महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि महाराज 

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रघुनंदन पराशर जैतो

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जैतो, 21 अप्रैल : श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि वाणी से मनुष्य किसी को दुश्मन बना सकता है तो किसी को दोस्त भी बना सकता है। अर्थात वाणी से मधुर वचन बोलकर सभी को अपना बनाने की कोशिश करें न कि गलत बोलकर किसी को अपने से दूर करें। किसी के साथ बुरा न करें क्योंकि मनुष्य जो अच्छा-बुरा कर्म करता है उसका फल चुकाना पड़ता है। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में दो बातें हमेशा याद रखें। जो व्यक्ति इन दो बातों को जीवन में याद रखता है उसका जीवन संवर जाता है। मनुष्य अपना कल्याण चाहता है तो इन दो बातों को जीवन में उतार ले। पहली बात हरि को और दूसरा मौत को।

महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने ये विचार जैतो के रेलवे फाटक के पास स्थित सन्यास आश्रम में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। महाराज जी ने कहा कि आहार शरीर के लिए है न कि शरीर आहार के लिए। संसार में भूख से पीडि़त होकर उतने व्यक्ति नहीं मरते, जितने अधिक भोजन करने के परिणामों से मरते हैं। हमेशा भोजन सात्विक और सादगी वाला होना चाहिए। मनुष्य को किसी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए। नशा व्यक्ति का जीवन तो खराब करता ही है, साथ ही पूरे परिवार को इसका हर्जाना भुगतना पड़ता है। शरीर की तंदुरुस्ती का मूल मंत्र संतुलित और विवेकपूर्ण आहार ही है जो कभी शरीर में रोग पैदा नहीं होने देता।स्वामी जी महाराज ने कहा कि उच्च शिक्षा भारतीय संस्कृति के इर्द-गिर्द होनी चाहिए। विदेशी भाषा का बाहुल्य होने से राष्ट्र की कितनी ही बौद्धिक और नैतिक हानियां हो रही हैं। विद्या वही है जो संस्कार पैदा करें। उच्च शिक्षा वही है जिसको पाकर मनुष्य विनम्र, परोपकारी, सेवाभावी एवं कार्य में निरंतर तत्पर हो। महाराज जी ने कहा कि क्रोध पाप का मूल है। क्रोध से बदले की दुर्भावना बढ़ती है और यह दुर्भावना भयंकर परिणाम देती है। क्रोध एक ऐसा दानव है जो जहां से पैदा होता है वहीं की खुशियों को आग में जला देता है। गुरु भक्ति की महिमा सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि जीवन में गुरु भक्ति विशेष महत्वपूर्ण है। अगर शुद्ध गुरु भक्ति न हो तो शुद्ध चरित्र का गठन नहीं हो सकता। गुरु ऐसा होना चाहिए जो शिष्य को शत ज्ञान दे। उसका आध्यात्मिक कल्याण करें, बिना किसी स्वार्थ और आर्थिक इच्छा के उसे ज्ञान दे।गौरतलब है कि स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में 23 अप्रैल (मंगलवार) को श्री सन्यास आश्रम में भगवान गणेश एवं श्री लक्ष्मी नारायण जी के विग्रहों के स्थापना दिवस समारोह का आयोजन होगा। इस उपलक्ष्य में 19 अप्रैल (शुक्रवार) से उत्तराखंड के विद्वान आचार्यों द्वारा पंच दिवसीय विग्रहों का अधिवास पूजन प्रारंभ होगा। 23 अप्रैल चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा वाले दिन मंगलवार को दोपहर बारह बजे भगवान श्री गणेश एवं श्री लक्ष्मी नारायण जी के विग्रहों की स्थापना होगी। तत्पश्चात विशाल भंडारा होगा।

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