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बिशनोई इंटरव्यू मामले में हाई कोर्ट की लाताड,एसएसपी पर क्या कार्रवाई की,छोटे मुलाजिमों को बली का बकरा ना बनाये

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पंजाब/यूटर्न/20 नवंबर: लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में हुए इंटरव्यू को लेकर अभी तक एसएसपी पर कार्रवाई न करने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर फटकर लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि छोटे मुलाजिमों को बली का बकरा न बनाया जाए, एसएसपी पर अगली सुनवाई तक कार्रवाई हो अन्यथा गृह सचिव अदालत में हाजिर रहें। हाईकोर्ट ने कहा कि यह इंटरव्यू स्पष्ट रूप से अपराध का महिमामंडन था। हाईकोर्ट जेल में सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर लिए गए संज्ञान मामले में सुनवाई कर रहा था। तब कोर्ट के संज्ञान में लॉरेंस के दो इंटरव्यू वायरल हुए हैं। हाईकोर्ट ने हैरानी जताई कि कैसे कोई व्यक्ति पुलिस हिरासत में इंटरव्यू दे सकता है। तब पंजाब सरकार ने जांच के लिए कमेटी बनाई थी और कमेटी कोई भी नतीजा निकालने में नाकाम रही थी। इसी बीच मार्च 2023 में डीजीपी ने प्रेस वार्ता कर कह दिया कि इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ था। तब हाईकोर्ट ने तीन सदस्यों वाली एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने रिपोर्ट में बताया कि लॉरेंस का इंटरव्यू खरड़ सीआईए थाने में हुआ था। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार कार्रवाई का आदेश दिया था। पंजाब सरकार ने डीएसपी, इंस्पेक्टर व अन्य स्टाफ पर कार्रवाई कर दी।
निलंबित मुलाजिमों की बहाली पर विचार करें
मामला मंगलवार को सुनवाई के लिए पहुंचा तो कोर्ट ने पंजाब सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक उच्च अधिकारियों को सस्पेंड क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामले में निलंबित हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को बहाल करने पर विचार करें, उन्हें बली का बकरा न बनाएं।
रिटायर जज को सौंपी गई है जिंमेदारी
एडवोकेट जनरल ने कहा कि उच्च अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। इस मामले में उच्चाधिकारियों की जांच के लिए रिटायर हाईकोर्ट जज को जिंमेदारी सौंपी गई है। हाईकोर्ट ने जांच के लिए अधिकारियों का एक पैनल सुझाने को कहा क्योंकि नामित जज को पंजाब सरकार द्वारा पहले से ही अन्य कार्यभार सौंपा गया है।
क्या डीजीपी को जानकारी नहीं थी
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को मार्च 2023 में हुए डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रतिलिपि सौंपने का आदेश दिया है, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि क्या उन्हें सही जानकारी नहीं थी या उन्हें गुमराह किया गया था। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक एसएसपी व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो गृह सचिव को हाजिर रहना होगा। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि लॉरेंस को टीवी साक्षात्कार के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा दी गई थी।
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