पूरनचंद्र शर्मा-
कलकत्ता हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने ममता बनर्जी सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए वर्ष 2016 के एसएससी शिक्षक भर्ती के पूरे पैनल को रद्द कर दिया।इससे बंगाल के लगभग 25 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा।शिक्षकों को चार हफ्ते के भीतर 12प्रतिशत सालाना ब्याज दर के हिसाब से वेतन लौटाने का भी आदेश दिया गया है।इस घोटाले की सजा अब उन शिक्षकों को भी भुगतना पड़ेगी जिन्होंने अपनी योग्यता के बलबूते पर यह नौकरी प्राप्त की थी।
यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू की गई थी। उस समय पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे।इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दायर हुई थीं।
अब प्रश्न आता है कि जो सालों से नौकरी करते आ रहे हैं क्या वे सभी ब्याज समेत पूरे वेतन को लौटा पाएंगे ? कारण वेतन की अधिकांश रकम पारिवारिक खर्चे, बच्चों की शिक्षा, विवाह- शादी,होम लोन आदि में खर्च कर दी गयी है। ऐसी परिस्थिति में वे वेतन कैसे लौटा पाएंगे l
जो भी हो नियुक्तियां अवैध तरीके से हुईं हैं तो प्राप्त वेतन भी अवैध माना जाएगाl
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना कितना कठिन होगा यह तो नौकरी खोने वाले ही जानते हैं l
जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा होने के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी ने करोड़ों रुपये नगद, विदेशी मुद्रा, भारी मात्र में सोने के गहने, प्रॉपर्टी के कागजात आदि बरामद किए थेl
इस मामले में लिप्त कई अधिकारी फिलहाल जेल में बंद है l
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला गलत है l तृणमूल कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अभिषेक बनर्जी ने एक चुनावी सभा में कहा है कि हाईकोर्ट ने पूरी की पूरी पैनल को रद्द किया है जो असंवैधानिक है l श्री बनर्जी का मानना है कि 5000 हज़ार नियुक्तियां अवैध हो सकती है, सभी नहीं l
जो क्वालिफाइड है, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बलबूते से परीक्षा पास की है उनकी नियुक्तियों को रद्द करना गलत हैl
जो भी हो गेहूं के साथ बेचारा घुन भी पिस गया अर्थात
इस शिक्षक भर्ती घोटाले में निर्दोष भी मारा गया है l
फिलहाल राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है l आशा है अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी l
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के शासनकाल में भी भारी धांधली हुआ करती थी l उस समय विभिन्न सरकारी विभागों में पार्टी कैडरों की बेहिसाब भर्तियां हुईं l
स्कूल से लेकर सरकारी विभागों में पार्टी के कैडरों को भर दिया गया थाl यही नहीं हिन्दी माध्यम के स्कूलों में बंगला माध्यम से पास शिक्षकों की भर्ती कर दी गई l
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी शहर के एक हिन्दी माध्यम विद्यालय- श्री महादेव पार्वती प्राथमिक विद्यालय में बंगला माध्यम से पास शिक्षकों को नियुक्त कर दिया गया था l
उन्हें सही ढंग से न हिंदी बोलनी आती थी और न ही लिखनीl मैंने अपने आखों से देखा कि एक शिक्षक विद्यार्थियों को गिनती सीखा रहा था l वह हिन्दी उच्चारण ‘इकत्तीस’, ‘बत्तीस’ के स्थान पर बंगला उच्चारण – ‘ऐकोत्रिश’, ‘बोत्रिश’ पढ़ा रहा था।वामपंथी सरकार के पतन के बाद बंगाल में ‘परिवर्तन’ की आंधी तो आई पर साथ में भ्रष्टाचार को लेकर आई l जिसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं।शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले का खामियाजा अब उन शिक्षक को भी भुगतना पड़ेगा जो अपनी योग्यता के कारण चुने गए थे ।साथ ही उन लाखों बच्चों को भी भुगतना पड़ेगा जिन्हें भारी भ्रष्टाचार के चलते अयोग्य शिक्षकों से शिक्षा ग्रहण करनी पड़ी।इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों की भर्ती घोटाले में उलझे योग्य शिक्षकों का भविष्य भी अब दांव पर लग गया है।
(विनायक फीचर्स)