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हम इन्फ्रास्ट्रक्चर को रो रहे और चाइना ने बना डाले टाइटेनियम साइकिल, साइकिल इंडस्ट्री सरकार को सौंपेंगी 10 हजार करोड़ की विदेशी करंसी जनरेट करने का प्लान

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चाइना एक्सपो ने दिखाया भारतीय साइकिल इंडस्ट्री को आइना

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना/यूटर्न/23 मई। जो एग्जीबिशन लगती हैं, वह हमारे लिए लिए शीशा है, जो हमारे अक्स दिखाती हैं। हम देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की दुहाई देकर अपनी कमियों को छिपा नहीं सकते। बल्कि अपने वीजन को बढ़ाकर यूरोप कंट्रियों को बाजार की तरह देखना चाहिए। वहां पर एक्सपोर्ट के ऑपशन ढूंढकर इंडियन साइकिल इंडस्ट्री भी 10 हजार करोड़ की विदेशी करंसी को ला सकती है। यह बातें यूसीपीएमए के प्रधान व लक्की एक्सपोर्ट के एमडी हरसिमरनजीत सिंह लक्की ने कहीं। चाइना साइकिल एक्सपो 2024 देखकर लौटे हरसिमरनजीत सिंह लक्की ने कहा कि साइकिल भी कारों से ज्यादा अच्छे बन सकते हैं। अब साइकिल इंडस्ट्री को अपना आईक्यू खोलना पड़ेगा। चाइना में बायसाइकिल इंडस्ट्री इतनी आगे निकल चुकी है कि हम उसके आगे कही भी नहीं खड़ सकते। इसमें अकेले सरकार का कसूर नहीं है। लक्की ने कहा कि चाइना के साइकिल मैन्युफैक्चरर यूनिट 3-4 साल बाद अपनी पूरी मशीनरी बदल देते हैं। हमें भी इंडिया में अपनी नई मशीनरी व टेक्नोलॉजी लानी होगी, तभी हम आगे बढ़ सकेगें। इसके लिए सरकार नहीं बल्कि इंडस्ट्री जिम्मेदार है। क्योंकि हम अभी भी अपना साइकिल को सिर्फ भारत के लिए बना रहे हैं, जबकि हमें एक्सपोर्ट के मुताबिक भी माल तैयार करना चाहिए। तभी हम आगे बढ़ सकेगें।

जहाज बनाने वाली धातु से साइकिल बना रहा चाइना
हरसिरमनजीत सिंह लक्की ने कहा कि भारत अभी स्टील के फ्रेम ही तैयार कर रहा है। जबकि भारत में 1-2 फैक्ट्रियों में अलॉय के प्रेम तैयार किए जा रहे हैं। लेकिन चाइना इस स्टाइल को बनाकर छोड़ चुका है। अब चाइना में जहाज को बनाने के लिए इस्तेमाल होती धातु टाइटेनियम स्टील का इस्तेमाल साइकिल बनाने के लिए कर रहा है। वह साइकिल इतनी हलकी है कि एक उंगुली से भी उड़ाई जा सकती है।

घरों से बाहर निकलने पर ही पता चलती है दुनिया
लक्की ने कहा कि घरों में बैठकर देखने से दुनिया का नहीं पता चलता। घरों से बाहर निकालकर एग्जीबिशनों में जाकर ही असली सच्चाई पता चलती है। चाइना साइकिल व टेक्नोलॉजी का मक्का माना जाता है। भारत में अभी तक सड़कें व गलियां बनाने को लेकर ही विवाद खत्म नहीं होते। हम इन छोटे छोटे विवादों में पड़े रहते हैं, जबकि हमें इन्हें छोड़कर इंटरनेशनल मार्केट की मांग पर ध्यान देकर कारोबारी आगे बढ़ाना चाहिए। क्योंकि चाइना के पास इतना काम है कि वह 2026 तक फ्री नहीं है। अगर उनके पास इतना काम है तो हमारी इंडस्ट्री के पास काम कैसे नहीं आ सकता। इंटरनेशनल मार्केट में काम की कमी नहीं है।

इंडस्ट्री में गिरावट का कारण नहीं है सरकारें
लक्की ने कहा कि इंडस्ट्री में गिरावट का कारण सरकारें नहीं है। बल्कि हम ही अच्छे प्रोडक्ट नहीं बना पा रहे। इस लिए पहले हमें अपनी मशीनरी में बदलाव करना पड़ेगा। यूरोप कहता है कि हमें साइकिल चाहिए, अगर वह चाइना में साइकिल के लिए एक साल इंतजार कर सकता है तो हम उन्हें यह आधुनिक प्रोडक्ट उपलब्ध क्यों नहीं करवा पाते। वह हंसकर हमसें प्रोडक्ट लेंगे। हम अपनी मशीनरी और टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करें, तो यूरोप की कंपनियां खुद यहां आकर ऑर्डर देंगी। हम अपनी टेक्नोलॉजी को दरुस्त करेगें तो सरकारें खुद सहायता करेंगी। हम हजार करोड़ का बिजनेस करते है तो चाइना 10 हजार करोड़ का। उनका मुकाबला तभी होगा, जब हमारे में बदलाव आएगा।

टेंडर पर ही निर्भर होकर रह गई इंडस्ट्री
उन्होंने कहा कि भारत की इंडस्ट्री सिर्फ टेंडर पर ही निर्भर होकर रह चुकी है कि किसी विदेशी कंपनी का टेंडर आए तो वह माल तैयार करके दें। इंडस्ट्री ने टेंडर बेस्ड खुद को बना लिया है। लेकिन यूरोप, अमेरिका व वेस्टर्न दुनिया में जाकर देखें, हम उनके डिमांड मुताबिक क्वालिटी प्रोडक्ट नहीं बना रहे, बल्कि उल्ट अपने देश तक ही सीमित रह चुके हैं। इसी कारण साकिल इंडस्ट्री के यह हालात हो चुके हैं। चाइना अगर क्वालिटी साइकिल बना रहा है, तो वह घर तो नहीं रख रहा। वह भी मार्केट में ही सेल कर रहा है और उसकी भारी मांग भी है। इस लिए हर व्यापारी को बाहर जाकर देखना चाहिए और नई मशीनरी लाकर आधुनिक प्रोडक्ट तैयार करने चाहिए।

प्रोजेक्ट रिपोर्ट की तैयार, जल्द बढ़ाएंगे कारोबार
लक्की ने कहा कि उनकी और से चाइना एक्सपो के बाद एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। जिसे केंद्र व पंजाब सरकार के साथ सांझा किया जाएगा। सरकार को पहले अपनी वीजन दिखाएंगे, तभी वह सहायता करेगी। बिना वीजन दिखाए सरकार कैसे इंडस्ट्री को प्रमोट कर सकती है। इसी लिए यह रिपोर्ट बनाई है। सरकारों से मशीनरी दिलाने संबंधी बातचीत की जाएगी। वह खुद मशीनरी दिलाएंगे, जिसके बाद स्टैंडर्ड सैट किया जाएगा। आज के समय में कारों से ज्यादा लोग साइकिल की मांग करते हैं और बिक्री भी होती है। लक्की ने कहा कि उन्होंने 8-10 लोगों का एक ग्रुप बनाया है। उनकी और से टेक्नोलॉजी इंपोर्ट प्लान बनाया गया है। इंडस्ट्री को एक नए रास्ते पर लाया जाएगा।

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