रिपोर्ट: रविंद्र आर्य
विष्णु चेतन महाराज के प्रवचन हमेशा जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं और आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित होते हैं। यहाँ एक प्रवचन का उदाहरण दिया गया है।
“प्रिय भक्तों, हम सभी इस जीवन में सुख और शांति की खोज में रहते हैं। लेकिन सच्चा सुख और शांति हमें बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि हमारे भीतर की चेतना में मिलती है। भगवान विष्णु ने हमें सिखाया है कि जीवन का असली उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और परमात्मा से मिलन है।
हमारी आध्यात्मिक यात्रा का पहला कदम है अपने मन को शुद्ध करना। मन को शुद्ध करने के लिए हमें ध्यान, जप, और सत्संग का सहारा लेना चाहिए। जब हमारा मन शुद्ध होता है, तो हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं और हम सच्चे आनंद का अनुभव कर सकते हैं।
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है निस्वार्थ सेवा। भगवान विष्णु ने स्वयं सेवा के महत्व को दर्शाया है। जब हम दूसरों की निस्वार्थ सेवा करते हैं, तो हम अपने अहंकार को त्यागते हैं और भगवान के करीब पहुँचते हैं।
भगवान विष्णु के चरणों में सच्ची भक्ति और समर्पण हमें इस संसार के बंधनों से मुक्त कर सकता है। हमें हमेशा उनके नाम का स्मरण करना चाहिए और उनके दिव्य गुणों का चिंतन करना चाहिए। यही हमारे जीवन का असली सार है। कोई भी कर्म करने से पहले एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ईश्वर की नजर सब पर होती है।
इसलिए, प्रिय भक्तों, अपने जीवन को ईश्वर एवं आध्यात्मिकता के मार्ग पर ले चलें, भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहें, और सच्चे सुख और शांति का अनुभव करें।”