नेपाल में हिंसा अनियंत्रित, जेल ब्रेक, बाजार में सन्नाटा और कार्यालयों में आगजनी

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10 सितम्बर -नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के विरुद्ध भड़की हिंसा लगातार उग्र होती जा रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। इंडो-नेपाल सीमा पर एसएसबी जवान हाई अलर्ट पर हैं। कर्सिया, बेतौना, रंगेली, कटहरी, डेंगिया जैसे सीमा से लगे बाजारों में सन्नाटा पसरा है। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी, जिससे अभिलेख नष्ट हो गए। धनपाल काउपानिका अंतर्गत कर्सिया में मंगलवार रात को दफ्तरों को निशाना बनाया गया। कई थाना और मायागंज की छोटी भंसार सेवा बंद कर दी गई है। एपीएफ (सशस्त्र पुलिस बल) और नेपाली पुलिस हालात पर काबू पाने में नाकाम रही है। सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है और होटल भी बंद पड़े हैं। सीमा पर सुरक्षा बल लोगों को नेपाल जाने से रोक रहे हैं ताकि जानमाल का नुकसान न हो।अराजकता बढ़ने के साथ नेपाल की विभिन्न जेलों से बड़ी संख्या में कैदी फरार हो गए हैं। इससे भारतीय सीमा क्षेत्रों में घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
भीमफेदी जेल से 260, जनेश्वर जेल से 572, रौतहट जेल से 233, पोखरा जेल से 900, महोतरी जेल से 576 और काठमांडू के नरखू जेल से 233 कैदी भाग गए।
सबसे चिंताजनक स्थिति झुमका जेल की है, जहां मौजूद 1500 सभी कैदी फरार हो गए। यह नेपाल की सबसे बड़ी जेल मानी जाती है। कुल मिलाकर नेपाल इस समय अराजकता और हिंसा की चपेट में है। आंदोलन और जेलब्रेक ने हालात को और भयावह बना दिया है।

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