हरियाना/यूटर्न/10 सितंबर: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने और हरियाणा की जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच कांग्रेस उंमीदवार विनेश फोगाट का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि कई बार जिंदगी में ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि न चाहते हुए भी आपको कई ऐसे काम करने पड़ते हैं। मैंने अपने बड़ों के आशीर्वाद से फैसला लिया है। विनेश फोगाट ने कहा, बड़ों के बिना, परमात्मा के बिना हम कुछ नहीं कर पाए, तब भी उन्होंने जिताया था, अब भी वहीं लोग जिताएंगे। इनके बिना हम कुछ नहीं है, जो मेहनत करेगा ये लोग उन्हें आशीर्वाद देंगे। जिस उंमीद से महिलाएं मुझे देख रही हैं, मैं उन्हें आश्वस्त करती हूं कि मैं आपके लिए सबसे पहले खड़ी रहूंगी। कई बार जिंदगी में ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि न चाहते हुए भी आपको कई ऐसे काम करने पड़ते हैं, मैंने अपने बड़ों के आशीर्वाद से फैसला लिया है।
कांग्रेस ने जुलाना सीट से दिया मौका
वहीं इससे पहले विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्हें लोगों के आशीर्वाद से हर लड़ाई जीतने की उंमीद है। वहीं बृजभूषण शरण सिंह पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए फोगाट ने कहा, बृजभूषण देश नहीं हैं। मेरा देश मेरे साथ खड़ा है। मेरे प्रियजन मेरे साथ खड़े हैं और वे मेरे लिए मायने रखते हैं। बता दें विनेश फोगाट को कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जुलाना विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध में सबसे आगे रहने वाले ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी।
विनेश फोगाट के राजनीति में उतरने से नाराज हैं महावीर फोगाट
महावीर फोगाट, विनेश फोगाट के ताऊ हैं. वे विनेश फोगाट के राजनीति में उतरने से नाराज हैं। इसको लेकर उनकी प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट ने जल्दबाजी में राजनीति में जाने का फैसला लिया है और अब वो नेता तो बन जाएगी, लेकिन ओलंपिक मेडलिस्ट नहीं कहलाएगी। महावीर फोगाट ने कहा कि विनेश फोगाट को 2028 के ओलंपिक का इंतजार करना चाहिए था, यकीनन वो विजेता बनतीं। राजनेता को लोग 5 साल में भूल जाते हैं, लेकिन एक ओलंपिक पदक विजेता को हमेशा याद रखा जाता है। उसे राजनीति करनी थी तो वो 2028 के बाद भी राजनीति कर सकती थी। उसने देशवासियों के सपने को पूरा नहीं किया। उन्होने यह भी कहा कि अगर राजनिति में आना था तो भाजपा जवाईन कर लेती।उनकी इस बात को अलग नजरीये से देखा जा रहा है कि वह भाजपा की बोली बोल रहे है,भाजपा पर पहले भी आरोप लगते रहे है कि वह अपनी सुविधा के लिये किसी को घर में भी सेंधमारी कर सकती है।
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