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वोट नही डालेगें जींद के ग्रामीण,मनाने पहुंचे जिलाधीश व एस पी

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तीन दिन वह तहसील के बाहर ही धरना देगें और अपने मतदान का प्रयोग नही करेगें,यह ऐलान था जींद ग्रामीण इलाके के रहने वाले लोगों का,जिनका धरना जारी था और उनको मनाने के लिये आज खुद जिलाधीश डीसी मोहम्मद इमरान रजा व एसपी सुमित कुमार पहुंचे। लेकिन गांव वालों ने उनकी एक नही सुनी। इसके बाद यहां पुलिस को तैनात किया गया ताकि अगर कोई ग्रामीण वोट डालने के लिए आए तो उन्हें दूसरे ग्रामीण रोके नहीं। सुंदरपुरा गांव में करीब 1610 वोटर हैं। ज्ञात रहे कि करीब 6 साल पहले सुंदरपुरा को नरवाना तहसील से उचाना तहसील के अधीन किया गया। ग्रामीणों का ज्यादा आवागमन नरवाना में रहता है। ग्रामीण उचाना में किसी काम से नहीं आते है। अब मजबूरी में उचाना आना पड़ रहा है। ऐसे में समय, रुपए की बर्बादी हो रही है। नरवाना उनके गांव के नजदीक आता है, जबकि उचाना दूर है। इसे लेकर काफी लंबे समय से मांग करते आ रहे है। गांव की खेवट एक नाम से होने के चलते जो ग्रामीण फर्द निकलवाता है तो पूरे गांव की खेवट एक होने से अलग-अलग फर्द नहीं निकल रही हैं। सुंदरपुरा से नरवाना 3 किलोमीटर दूरी पर है जबकि उचाना 23 किलोमीटर दूरी पर है। इसलिए ग्रामीणों ने बहिष्कार किया हुआ है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने आश्वासन दिया कि जून माह तक सुंदरपुरा गांव की खेवट अलग करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा सुंदरपुरा को उचाना तहसील की बजाय नरवाना में शामिल किए जाने का मामला अतिशीघ्र सरकार के पास भेजा जाएगा। जिला प्रशासन गांव सुंदरपुरा की समस्याओं के समाधान को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। इसके अलावा बुधवार को राजस्व विभाग का पटवारी गांव में बैठेगा और मौके पर ही ग्रामीणों के कार्य निपटाएगा। तहसीलदार सप्ताह में तीन दिन तक नरवाना में बैठकर ग्रामीणों के राजस्व संबंधी कार्य निपटाएगा। इतने भरौसे के बाद भी लोगों का कहना था कि उनको भाजपा सरकार पर कोई यकीन नही रहा,उसकी कहनी व कथनी में अंतर है।
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