विजिलेंस चीफ परमार, एआईजी व एसएसपी सस्पेंड, आरटीए घोटाले में आरोपियों के साथ मिलीभगत सामने आई

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आखिर किससे इंसाफ और यकीन की उम्मीद करें पंजाब के लोग

पंजाब 25 अप्रैल। पंजाब में लोगों को अब विजिलेंस से इंसाफ की उम्मीद थी। लेकिन जब विजिलेंस के हेंड ही घोटालों में शामिल आरोपियों का साथ देंगे तो और किससे उम्मीद की जा सकती है। दरअसल, पंजाब सरकार ने विजिलेंस के चीफ डायरेक्टर एडीजीपी एसपीएस परमार, एआईजी और एसएसपी को सस्पेंड कर दिया है। ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है। पंजाब की आप सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक इन अधिकारियों ने आरटीए घोटाले में शामिल आरोपियों के साथ मिलीभगत कर उनका साथ दिया और कार्रवाई को रोकने की कोशिश की। इस कार्रवाई को लेकर सीएम भगवंत मान ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को जो भी बचाएगा, वह नहीं बचेगा।

26 मार्च को बने थे विजिलेंस डायरेक्टर

विजिलेंस चीफ एसपीएस परमार 1997 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें 26 मार्च को विजिलेंस डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। तब सरकार ने जी. नागेश्वर राव को हटाया था। उस वक्त परमार एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर थे। सरकार की तरफ से जल्द इस कार्रवाई के बारे में डिटेल कार्रवाई जारी की जाएगी।

7 अप्रैल को की थी चेकिंग

जानकारी के मुताबिक 7 अप्रैल को रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के दफ्तरों और ड्राइविंग टेस्ट केंद्रों पर छापेमारी की। इस दौरान रिश्वतखोरी और अन्य खामियों में शामिल 24 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान कुल 16 एफआईआर दर्ज की गईं और अधिकारियों ने एजेंटों से 40 हजार 900 रुपए नकद बरामद किए। सरकार ने दावा किया है कि यह राशि ड्राइविंग लाइसेंस, टेस्ट व अन्य सेवाएं दिलवाने के एवज में वसूलते थे। इस मामले की अभी जांच चल रही थी।

सीएम एसई संजय कंवर मामले में भी विजिलेंस पर लेंगे एक्शन ?

वहीं सीएम भगवंत मान द्वारा विजिलेंस चीफ पर की कार्रवाई के बाद कही न कही लोगों को उम्मीद जाग गई है। वहीं चर्चा है कि लुधियाना में पकड़े गए निगम के एसई संजय कंवर के साथ भी कई अधिकारियों की अच्छी सेटिंग थी। इसी के चलते विजिलेंस ने मामले को दबा दिया। अब लोगों में चर्चा है कि क्या सीएम मान द्वारा इस मामले में भी एक्शन लिया जाएगा या नहीं।

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