चरणजीत सिंह चन्न
जगरांव 6 जुलाई। अवैध हिरासत में पुलिस अत्याचार के शिकार अनुसूचित जाति के दो परिवारों को उनके लंबे संघर्ष के बावजूद न्याय न मिलने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दशमेश किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष डॉ. गुरमेल सिंह कुलार, मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष भरपूर सिंह छज्जावाल, ग्रामीण मजदूर सभा के अध्यक्ष निर्मल सिंह धालीवाल, गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार समिति के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह ढोलन ने कहा कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। प्रेस को जारी एक बयान में किसान-मजदूर नेताओं ने कहा कि दोनों पीड़ित परिवार लगभग साढ़े तीन साल से स्थानीय पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन न तो पुलिस अधिकारी और न ही पंजाब सरकार कोई ध्यान दे रही है। उन्होंने सिविल और पुलिस अधिकारियों के भेदभावपूर्ण व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के आदेशों की भी जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक दशक पहले कथित थाना प्रमुख गुरिंदर सिंह बल ने अनुसूचित जाति के दो परिवारों को अवैध हिरासत में रखकर उन पर अमानवीय अत्याचार किए थे और फिर अत्याचारों को छिपाने के लिए उन्हें झूठे मामलों में नामजद कर जेल भेज दिया था। वादी इकबाल सिंह रसूलपुर ने बताया कि बरी होने के बाद पीड़ितों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से इंसाफ की गुहार लगाई थी। माननीय आयोग के आदेशों पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन पीड़ित दशकों से इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सभी आयोगों और पंजाब सरकार के सभी संबंधित आयोगों के आदेशों के बावजूद पीड़ित परिवारों की सुनवाई नहीं हो रही है। पीड़ितों का समर्थन कर रहे किसान-मजदूर संगठनों के नेताओं ने कहा कि इंसाफ मिलने तक थाने के समक्ष संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर पीड़िता सुरिंदर कौर रसूलपुर, पूर्व चेयरमैन मलकीत सिंह रम्मी, वादी इकबाल सिंह रसूलपुर और किसान-मजदूर साथी मौजूद थे।