लुधियाना में रोज गार्डन रेनोवेशन मामले में पुराने ठेकेदार ने किया अदालत का रुख, मिला स्टे-ऑर्डर
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चर्चा, गोलमाल है भई सब गोलमाल है, चंद अफसर काट रहे ‘माल’ हैं !
लुधियाना, 8 अप्रैल। महानगर के लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के में बड़ा ‘खेला’ हो गया। यहां स्थित नेहरू रोज गार्डन का 8.80 करोड रुपए की लागत से होने वाला रेनोवेशन-प्रोजेक्ट कानूनी मसले में फंसता नजर आ रहा है।
दरअसल, इस प्रोजेक्ट का ठेका नगर निगम द्वारा एक नई कंपनी को दे दिया गया था। लिहाजा पुरानी कंपनी के ठेकेदार हितेश अग्रवाल ने तकनीकी-एतराज जताते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था। उनकी ठेका कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निगम प्रशासन को आदेश दिया कि इस प्रोजेक्ट का वर्क आर्डर जारी नहीं किया जाए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होनी है। बताते हैं कि इस मामले में ठेकेदार हितेश अग्रवाल निगम अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते अदालत में एक याचिका दायर की थी।
अफसरों पर इलजाम, टेंडर में घालमेल :
याचिका में ठेकेदार हितेश का आरोप था कि निगम अफसरों ने टेंडर प्रक्रिया में बड़ा घालमेल किया। कोर्ट में वकील ने उनका पक्ष रखते कहा था कि इस प्रोजेक्ट का पहले टेंडर लगा था। बिड ओपन होने से पहले ही इस प्रक्रिया को रद कर दिया। इसके बाद दोबारा से टेंडर लगाने की के नियमों का पालन किए बिना निगम प्रशासन ने यह टेंडर लगाया और एक ठेकेदार को काम अलॉट कर दिया। बड़ी बात, इस प्रोजेक्ट का राज्यसभा सांसद व वैस्ट विधानसभा सीट से आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा उद्घाटन भी कर चुके हैं। अब कानूनी अड़चन के चलते यह वर्क आर्डर उस ठेकेदार को जारी नहीं हो पाएगा। अब सवाल यह कि निगम अफसरों ने इस टेंडर की प्रक्रिया पूरी किए बिना उद्घाटन कैसे करा डाला।
‘खेला’ करने वाले चर्चित-अफसर !
चर्चा है कि यह प्रोजेक्ट भी नगर निगम के एक चर्चित अधिकारी से संबंधित है। अपने छोटे से कार्यकाल में यह अधिकारी बड़े कारनामे करने से चर्चा में रहे हैं। पहले कई इलीगल बिल्डिंगें बनवाने में इनका नाम आया। उनकी कई जांच चंडीगढ़ हेड ऑफिस में चल रही हैं।
ऐसे होता है ‘खेला’ टेंडर वाला :
जानकारों की मानें तो टेंडर में दो बिड होती हैं। पहली टेक्नीकल बिड खुलने पर
फाइनेंशियल बिड खुलती है। बताते हैं कि पहली बिड खुलने के बाद अफसर करीब दस फीसदी कमीशन की चाह में ठेकेदार से सीटिंग करते हैं। सौदा पटने के बाद दूसरी बिड खोलते हैं। वर्ना नया टेंडर लगा चहेते-मनपसंद ठेकेदार को ‘मौका’ दे दिया जाता है।
स्मार्ट सिटी के तहत भी हुए थे इसी अंदाज में 1500 करोड़ के टेंडर :
जानकारों के मुताबिक टेंडरों में दस परसेंट का यह ‘खेला’ काफी पुराना है। इसी ‘अंदाज’ में लुधियाना के सिटी सेंटर प्रोजेक्ट के तहत करीब 1500 करोड़ रुपये के टेंडर जारी हुए थे। तब भी निगम अफसरों पर विपक्षी दलों के नेताओं ने उंगली उठाई थी। हालांकि बाद में थोड़ी हलचल के बाद सब कुछ शांत हो गया था।
दस परसेंट के चक्कर में एमपी अरोड़ा की साख भी लगा दी दांव पर !
चर्चाओं पर भरोसा करें तो निगम के अफसरों ने लुधियाना वैस्ट से उप चुनाव लड़ रहे सांसद संजीव अरोड़ा को भी एक तरह से ‘झांसे’ में ही लिया। चुनावी-माहौल में उनको गुड-वर्क के नाम पर रोज गार्डन रेनोवेशन प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए राजी कर लिया। अब इस प्रोजेक्ट पर रोक लगने के बाद यह भी चर्चाएं हो रही हैं कि क्या एमपी अरोड़ा के सलाहकारों ने उनको निगम के खेला करने वाले अफसरों के बारे में जागरुक नहीं किया था।
यूं ही पत्नियों को गिफ्ट हो रही मर्सडीज गाड़ियां :
निगम के कूड़ा-निस्तार वाले एक प्रोजेक्ट में भी खूब चर्चा रही थी कि इसमें दस परसेंट का ‘खेला’ किया गया। इस खेल में शामिल एक चर्चित अफसर के बारे में तो यहां तक कहा गया कि उसे खेल के चलते उन्होंने अपनी पत्नी को मर्सडीज कार गिफ्ट की थी। जबकि कई और अफसरों को इनोवा कार और अन्य तोहफे इस बंदरबांट में मिलने की चर्चा रही थी।
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