स्वास्थ्य विभाग ने 18 सैंपल लेकर की खानापूरी, दे दी कई वर्षों की छूट
लुधियाना 7 नवंबर/ यूटर्न : एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से उसे ट्रांसलेट पैदा होता है जिससे हृदय रोग किडनी फेलियर तथा कई गंभीर रोगों का खतरा पैदा होता है पेट के रोग के विशेषज्ञ तो यह कहते हैं कि बार-बार इस्तेमाल किए हुए तेल से पेट और लीवर के गंभीर रोग हो जाते हैं पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने चंडीगढ़ से आए निर्देशों के तहत शहर के विभिन्न इलाकों से इस्तेमाल किए हुए तेल के 18 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे यह सैंपल हलवाइयों, फास्ट फूड, बनाने वालों रेस्टोरेंट तथा पकोड़े, समोसे आदि बनाने वालों से लिए गए हैं परंतु कई दिन बीतने के बाद भी इसकी क्या रिपोर्ट आई इसे सार्वजनिक नहीं किया गया उल्लेखनीय है कि कई वर्षों में एक बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों यह द्वारा यह दिखाने के लिए कि उन्हें लोगों की सेहत की बड़ी चिंता है इस प्रकार की सैंपलिंग कराई जाती है परंतु उसके नतीजे कम ही सार्वजनिक किए जाते हैं और फिर उसके बाद कई वर्षों के लिए खाने पीने की वस्तुओं का निर्माण करने वालों हलवाइयों फास्ट फूड का काम करने वालों को छूट दे दी जाती है विभाग में इस प्रकार की सैंपलिंग को खानापूरी का नाम दिया जाता है
हार्ट लीवर और पेट के बढ़ते हुए मरीजो का कारण हो सकता है ट्रांसफेट
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इस्तेमाल किए हुए तेल से अगर उस बार-बार इस्तेमाल किया गया हो तो उसमें ट्रांसफेट पैदा होता है जो हृदय रोगों का कारक हो सकता है पिछले कुछ वर्षों से हृदय रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है इसलिए भी इस्तेमाल किए गए तेल की जांच अति आवश्यक है हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत वर्ष भी इस मुहिम के तहत सैंपलिंग की गई थी पर उसके क्या नतीजे आए यह अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं गौरतलाप है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर फूड सेफ्टी अफसर को 10-10 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने को कहा था परंतु जिले से मात्र 18 सैंपल ही जांच के लिए भेजे जा सके हैं जो कई वर्षों के बाद लिए गए बताए जाते हैं
कैसे होता है तेल का बार-बार इस्तेमाल
तेल में बनने वाली खाद्य वस्तु ऑन जैसे पकोड़े, समोसे नमकीन आदि के समय एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है और काला होने पर भी उसे फेंक नहीं जाता बल्कि उसमें और तेल मिक्स कर दिया जाता है और यह सिलसिला निरंतर चलता रहता है इसके बाद इस तेल को फास्ट फूड, समोसे, पकोड़े आदि बनाने वाले छोटे दुकानदारों रेहडी फड़ी वालों को बेच दिया जाता है जिससे लोगों को शहर संबंधित समस्याओं की संभावना कई गुना बढ़ जाती है और बढ़ती हुई बीमारियों का कारण विशेषज्ञ ऐसे ही खान-पान को बताते हैं
केक, पेस्ट्री, बेकरी के उत्पादन में ट्रांसपोर्ट की भरपूर मात्रा
खाद्य तेल के अलावा केक पेस्ट्री में इस्तेमाल की गई क्रीम फ्रोजन डेजर्ट में भी ट्रांसलेट की भरपूर मात्रा बताई जाती है इसके अलावा बेकरी के अन्य उत्पादों में भी ट्रांसलेट पाया जाता है परंतु स्वास्थ्य विभाग में कुछ समय पहले इसकी तब सैंपलिंग कराई जब केक खाने से एक बच्ची की मौत हो गई परंतु सैंपलिंग के नतीजे क्या है यह किसी को नहीं बताया गया और उसे दिशा में क्या कदम उठाएं लोगों को इससे बचाव के लिए कैसे जागरूक किया गया यह अभी तक नहीं बताया गया
मिठाइयों की कौन करता है जांच कितनी है पुरानी
त्योहारों के सीजन में मिठाइयों की सैंपलिंग और बनी हुई मिठाइयों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा संसाधनों की कमी का रोना हर बार रोया जाता है और सैंपलिंग करने से बचा जाता है ताकि फूड बिजनेस ऑपरेटर यानी कि खाने पीने की वस्तुओं का निर्माण और बिक्री करने वाले कहीं नाराज ना हो जाए बहुत बार तो सैंपल भी दुकानदार की मर्जी से लिया जाता है अगर स्वास्थ्य निदेशालय से किसी प्रकार विशेष सैंपलिंग की निर्देश जारी हो जाए तो इधर-उधर से सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए तो भेज दिए जाते हैं परंतु उसकी रिपोर्ट कभी नहीं मांगी जाती