चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ में बहु-अनुशासनिक एआई शिक्षा प्रणाली शुरू होगी
यूपी सरकार एआई और डिजिटल क्रांति में नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध
टाटा ग्रुप के साथ करार से यूपी में एआई स्किल डेवलपमेंट को मिलेगा बढ़ावा
जनहितैषी — 15 फरवरी, लखनउ। उत्तर प्रदेश सरकार की डिजिटल भविष्य की दिशा में प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए यूपी एआई कन्कलेव 2025 का आयोजन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ द्वारा किया गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में उद्योग जगत, शिक्षा क्षेत्र, नीति निर्धारकों और वैश्विक एआई विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एआई पर वैश्विक नेतृत्व की सराहना की और कहा कि एआई के क्षेत्र में किए जा रहे निवेश से भारत को भविष्य में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी।
सम्मेलन में यह घोषणा की गई कि उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ में 170 एकड़ भूमि में एआई हब विकसित कर रही है, जिससे प्रदेश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जाएगा। इसी क्रम में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने लखनऊ में उच्च स्तरीय एआई शिक्षा और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 2500 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। इसके साथ ही ‘इंडिया एआई फाउंडेशन’ की स्थापना का निर्णय लिया गया, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद मिलेगी। इस सम्मेलन में 30 से अधिक कंपनियों के सीईओ, संस्थापक, विशेषज्ञ और निवेशकों ने भाग लिया और उद्योग-शिक्षा साझेदारी को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते किए।
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर एआई को लेकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि यूपी सरकार ने टाटा ग्रुप के साथ मिलकर कौशल विकास को गति देने के लिए करार किया है, जिससे उद्योगों को योग्य कार्यबल मिल सके। लखनऊ में एआई हब विकसित करने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है, और इसके लिए हमें एआई और डिजिटल क्रांति में नेतृत्व करना होगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।