जनहितैषी, 5 नवम्बर, लखनउ। उत्तर प्रदेश सरकार को अब DGP के चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन भारत सरकर को पैनल नही भेजना पड़ेगा । अब ये काम यूपी सरकार खुद कर लेगी ।
सोमवार को योगी कैबिनेट की बैठक में इसी से जुड़ा एक फैसला लिया गया है । पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है के देश के किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए उस राज्य के तीन सीनियर मोस्ट अफसरों के नाम UPSC को भेजे जाएंगे उन में से कोई एक नाम UPSC तय कर राज्य को भेज देगा । सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को योगी कैबिनेट ने बदल दिया है।
नए नियम के अनुसार हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी जो डीजीपी के नाम का चयन करेगी ,रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के इलावा यूपी के मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक सदस्य ,उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित सदस्य , अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह और एक रिटायर्ड पूर्व डीजीपी कमेटी में रहेंगे।
डीजीपी के लिए अहर्ता ,जिसकी कम से कम 6 महीने की नौकरी बची हो । एक बार चुने जाने के बाद डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। कैबिनेट ने नई नियमावली पर मुहर लगा दी है।