एमआरआई और ऑपरेशन थियेटर के उद्घाटन पर मुख्य सचिव ने पॉलिथीन में भरे मिले बच्चे की जान बचाने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों को भी किया सम्मानित
– सैकड़ों को बचाने में नारायणा अस्पताल की सबसे अहम भूमिका, पॉलिथीन में भरे मिले नवजात शिशु की भी जान बचाकर की मानवता की रक्षा ,राज्य सरकार द्वारा मिल चुकी निजी विश्वविद्यालय बनाने की भी अनुमति
– श्री राम मंदिर के उपलक्ष में 5000 लोगों की निःशुल्क सर्जरी के अभियान में पूर्ण सफलता के साथ अग्रसर नारायणा अस्पताल, अब तक की जा चुकी 800 से ज्यादा लोगों की नि:शुल्क सर्जरी
सुनील बाजपेई
कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने यहां एमआरआई मशीन तथा आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित ऑपरेशन थियेटर संकुल का उद्घाटन करने के दौरान अपने सार गर्वित संबोधन में राज्य सरकार द्वारा निजी विश्वविद्यालय बनाने की भी अनुमति भी प्राप्त कर चुके नारायणा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के नारायणा मेडिकल कॉलेज के अस्पताल द्वारा सेवा के प्रति समर्पण भाव की जमकर तारीफ भी की
उन्होंने विश्व स्तरीय अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित होने के फलस्वरूप हर तरह की बीमारियों के सफलतम इलाज में अव्वल नारायणा अस्पताल की सराहना करते कहा कि इस अस्पताल ने कोविड महामारी के दौरान कानपुर वासियों को सुरक्षा प्रदान करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
खचाखच भरे हाल में लोगों को संबोधित करते हुए देश प्रदेश के कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार आईएएस अधिकारियों में से एक निष्पक्ष और पारदर्शी कार्यशैली के जुझारु तेवरों वाले सरल और शालीन स्वभाव के तेजतर्रार तथा व्यवहार कुशल उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने चेयरमैन अमित त्रिवेदी के साथ ही उन चिकित्सकों और कर्मचारियों की भी जमकर प्रशंसा की, जिन्होंने महाशिवरात्रि के दिन पॉलिथीन में डालकर झाड़ी में छोड़े आवारा कुत्तों द्वारा नोचे रहे नवजात शिशु की जान बचाई और वही बच्चा आज नारायणा अस्पताल की वजह से ही अनादि नारायण के नाम से एक नया जीवन जी रहा है। इस बच्चे को कुल 56 टांके लगे थे।
अपने संबोधन के पहले इसी बच्चों को गोद में लेते हुए बेहद बेहद मानवीय दृष्टिकोण वाले और लोकहित में अपनी धुन के पक्के
यूपी के चीफ सेक्रेटरी डीएस मिश्रा ने यह भी कहा कि मुझे उस दयानिधान परमेश्वर की कृपा पर विश्वास हुआ कि कैसे उसने इस बच्चे को इस अस्पताल के माध्यम से जीवनदान दिया है। स्वतः ख़्याल आया: जाको रखे साइयाँ, मार सके ना कोय; बाल न बाँका कर सके जो जग बैरी होय।
उन्होंने नारायणा अस्पताल के ऑपरेशन मिलन’ कार्यक्रम की भी सराहना की और कहा कि इस अस्पताल में अलग-अलग वय के विक्षिप्त लोग पुलिस द्वारा लाए जाते हैं। जिन्हें एक नया जीवन प्रदान कर उन्हें उनके घर वापस भेजा जाता है।
अस्पताल की उच्च स्तरीय अत्याधुनिक चिकित्सकीय व्यवस्थाओं और उसके सेवा भाव की भी प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास में भी अहम भूमिका निभाने वाले पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए भी चर्चित परोपकारी स्वभाव के चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस दौरान दी गई एक प्रेरणादाई जानकारी के आधार पर यह भी बताया कि इस अस्पताल को बनाने में नारायण ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष अमित नारायण त्रिवेदी के पिता स्वर्गीय श्री कैलाश नारायण त्रिवेदी द्वारा इस नारायणा अस्पताल की स्थापना उनकी अंतरात्मा की आवाज का परिणाम थी। यह बात उस समय की है जब स्वर्गीय कैलाश नारायण त्रिवेदी इलाज के लिए चेन्नई गए हुए थे, जहां के खट्टे-मीठे अनुभवों ने ही उन्हें 750 बेड का यह अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तैयार करने की ना केवल प्रेरणा दी बल्कि जनहित के इस इरादे में पूर्ण सफलता भी प्रदान की। प्रखर समाज सेवी रहे कैलाश नारायण त्रिवेदी की जनहित में महत्वपूर्ण इस सफलता को संकल्प से सिद्ध तक में सफलता का परिणाम मानने वाले पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए भी चर्चित जुझारू मुख्य सचिव डीएस मिश्रा उस समय कानपुर विकास प्राधिकरण के मुखिया हुआ करते थे।
इस अस्पताल के प्रबंध तंत्र के संकल्प के अनुसार प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद 5,000 सर्जरी नि:शुल्क सर्जरी किए जाने और अब तक करीब 800 सर्जरी सम्पन्न भी हो जाने तथा मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, फॉर्मेसी कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनेजमेंट कॉलेज इत्यादि में बहुतेरी किस्म की उच्च तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई की भी प्रशंसा करते हुए प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस अवसर पर कई डॉक्टरों और बच्चों को सम्मानित भी किया।