मंत्री से मिला दर्जनों संस्थाओं का डेलिगेशन, किसी ने टेक्नलॉजी, किसी ने बुड्ढे नाले तो किसी ने टेक्सटाइल पार्क की रखी मांग
लुधियाना 15 मार्च। टेक्सटाइल मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया गिरीराज सिंह शनिवार को लुधियाना की गंगा एक्रोवूल्स फर्म में दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ शहर की दर्जनों इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के डेलिगेशन की और से उनके साथ मीटिंग की गई। वहीं उन्हें अलग अलग इंडस्ट्री को आ रही समस्याओं के प्रति अवगत कराया। जिस पर मंत्री गिरीराज द्वारा जल्द इन समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया। इस दौरान गंगा एक्रोवूल्स के मालिक अमित थापर ने बताया कि उनकी तरफ से रॉ मटीरियल पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (क्यूसीओ) लगाने पर रोक लगाने की मांग की है। क्योंकि क्यूसीओ लगाने से क्वालिटी प्रोडक्ट इंपोर्ट करने में समस्या आती है। जिसके साथ रॉ मटीरियल के प्राइज भी बढ़ रहे हैं। जिसके चलते उनकी और से रॉ मटीरियल पर क्यूसीओ न लगाने की मांग की है। अमित थापर ने बताया कि यह पिछले 25 साल में पहली बार हुआ कि देश के टेक्सटाइल मीनिस्टर द्वारा उस तरीके से इंडस्ट्री का दौरा किया गया है। इस दौरान किसी एसोसिएशन द्वारा बुड्ढे नाले को साफ करने तो किसी ने टेक्सटाइल पार्क की मांग रखी। इस दौरान आरती इंटरनेशनल से विनायक मित्तल, एससी रल्हन, उपकार सिंह आहूजा, नीरज सतीजा, अबास डालगिया, सिद्धार्थ खन्ना, शिंगोरा से अमित जैन मौजूद थे।
एमआईपी का उठाया मुद्दा
वहीं कारोबारी सिद्धार्थ खन्ना की और से मंत्री गिरीराज के समक्ष एमआईपी का मुद्दा उठाया गया। जिसमें उन्होंने कहा कि फैब्रिक पर एमआईपी लगाया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी अंडर इनवॉयस फैब्रिक दूसरे देशों से धड़ल्ले से इंपोर्ट हो रहा है। जिस पर रोक लगाने की मांग की गई।
गमसा ने की कई मांगें
गमसा (गारमेंट मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन) के चेयरमैन राम कृष्ण की तरफ से मंत्री गिरीराज सिंह के साथ मुलाकात की गई। उनकी तरफ से मदर मशीनरी और डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर के लिए टेक्नोलॉजी और आरएंडडी सेंटर की मांग की है। ताकि वह अपनी मशीनरी हाईएंड और चाइना के मुताबिक बना सके। हर साल लाखों का गिनती में चाइना से मशीनरी इंपोर्ट हो रही है, अगर यहीं पर वे मशीनरी तैयार होगी तो उससे भारत को फायदा मिलेगा।
मंत्री ने गंगा एक्रोवूल्स में तैयार हो रहे प्रोडक्ट्स का लिया जायजा
गंगा एक्रोवूल्स के मालिक अमित थापर ने बतााया कि मंत्री गिरीराज सिंह की और से गंगा एक्रोवूल्स में तैयार हो रहे यार्न व अन्य प्रोडक्ट्स का भी जायजा लिया। अमित थापर ने बताया कि मंत्री गिरीराज सिंह की और से आईसीएआर कोलकाता से भी साइंटिस्ट बुलाए थे। जिनकी और से इंडिया विगन वूल तैयार किया गया, जो कि काफी सॉफ्ट है। वहीं नॉर्दन इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन की और से अक के पौधे से फाइबर बनाया है। इन दोनों इंडिया विगन वूल और अक के पौधे से तैयार फाइबर का इस्तेमाल करके गंगा एक्रोवूल्स द्वारा धागा तैयार किया जा रहा है। जिसकी मंत्री गिरीराज सिंह द्वारा काफी सराहना की गई। वहीं उन्होंने इसमें और इंप्रूवमेंट लाने के लिए कहा है। ताकि इसे कमर्शियल तौर पर लांच किया जा सके।
एटीआईयू ने भी उठाई समस्याएं
वहीं एटीआईयू के प्रधान पंकज शर्मा की तरफ से भी मंत्री के समक्ष अपनी समस्साएं बताई। जिसमें उन्होंने मांग की कि पंजाब का कपड़ा क्षेत्र, जिसके लुधियाना, अमृतसर में मजबूत केंद्र हैं, भारत के घरेलू और निर्यात बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि, हमारी औद्योगिक क्षमता के बावजूद, पंजाब को महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों के समान लाभ नहीं मिला है। पूंजी और ब्याज सब्सिडी, बिजली शुल्क छूट, कपड़ा पार्क और प्रसंस्करण इकाइयाँ समेत कई मांगे रखी गई है। इसके अलावा मशीनरी पर जीएसटी 5 प्रतिशत करने की मांग की गई है।