केंद्रीय पर्यावरण, वन-जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने माना, कानूनी अड़चनों से पर्यावरण मंजूरी में देरी

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

लुधियाना से सांसद संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा में ‘पर्यावरण मंजूरी में देरी’ का मुद्दा उठाया

लुधियाना 14 फरवरी। अब तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में 199 मामले, सर्वोच्च न्यायालय में 32 मामले और उच्च न्यायालय में 70 मामले दायर किए गए हैं। इन मामलों में एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन, 2006 के प्रावधानों का अनुपालन ना करने से संबंधित मामले भी शामिल हैं। जैसा कि परियोजनाओं/गतिविधियों के संबंध में संशोधित किया गया है, जो अन्यथा पूर्व पर्यावरण मंजूरी के लिए पात्र हैं।

यह बात केंद्रीय पर्यावरण, वन-जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कही। वह राज्यसभा के बजट सत्र में लुधियाना से सांसद संजीव अरोड़ा के ‘पर्यावरण मंजूरी में देरी’ के सवाल पर जवाब दे रहे थे। सांसद अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने उल्लेख किया है कि भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण-वनों व अन्य राष्ट्रीय संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी निपटारे के लिए एनजीटी 2010 लागू किया है। सरकार कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए उचित प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक कदम उठा रही है।

इसके अलावा, मंत्रालय ने हाल ही में, तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कई प्रणालीगत सुधार किए हैं। पोर्टल को अपग्रेड किया है और ईआईए नोटिफिकेशन 2006 में संशोधन के माध्यम से नीति सुधार किए हैं।

मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार ने  एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन, 2006 जारी की है। अधिसूचना की अनुसूची में सूचीबद्ध नई परियोजनाओं या गतिविधियों का निर्माण या मौजूदा परियोजनाओं या गतिविधियों का विस्तार या आधुनिकीकरण, जिसमें प्रक्रिया और/या प्रौद्योगिकी में परिवर्तन के साथ क्षमता वृद्धि शामिल है। भारत के किसी भी हिस्से में केंद्र सरकार से पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी के बाद ही किया जाएगा या जैसा भी मामला हो, केंद्र सरकार द्वारा विधिवत गठित स्टेट लेवल एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी द्वारा किया जाएगा। केंद्र सरकार या स्टेट एनवायर्नमेंटल इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटीज द्वारा दी पर्यावरणीय मंजूरी अधिसूचना में निर्धारित विस्तृत प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही जारी की जाती है।

————-

Leave a Comment