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सेंसेक्स 494 अंक की गिरावट के साथ 81,006 पर बंद होने से शेयर बाजार में बेचैनी

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एक्सपर्ट ने जताई आशंका, हालात नहीं सुधरे तो और गिरावट आ सकती है बाजार में

लुधियाना 17 अक्टूबर। सेंसेक्स 17 अक्टूबर को 494 अंक की गिरावट के साथ 81,006 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 221 अंक गिरा, ये 24,749 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई स्मॉल कैप 814 अंक गिरकर 56,589 के स्तर पर बंद हुआ।
जानकारी के मुताबिक सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 में गिरावट और 9 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 41 में गिरावट और 9 में तेजी रही। एनएसई के आइटी सैक्टर को छोड़कर सभी सैक्टर गिरावट के साथ बंद हुए। रियल्टी सैक्टर सबसे ज्यादा 3.76 फीसदी गिरा। एचडीएफसी बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक ने बाजार को सबसे ज्यादा नीचे गिराया। जबकि, इंफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो और टेक महिंद्रा ने बाजार को ऊपर खींचा।
एनएसई के डेटा के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने 16 अक्टूबर को ₹3,435 करोड़ के शेयर बेचे। इस दौरान घरेलू निवेशकों ने 2,256 करोड़ के शेयर खरीदे। वीरवार को हुंडई इंडिया के आइपीओ का आखिरी दिन था। कंपनी के शेयर 22 अक्टूबर को बाजार में लिस्ट होंगे।
एक्सपर्टस की राय :
लुधियाना स्टॉक एंड कैपिटल लिमिटेड के चेयरमैन टीएस थापर शेयर बाजार में गिरावट के दो मुख्य कारण गिनवाते हैं। सबसे अहम फॉरेन सेल जारी है। दूसरी तरफ इंफोसेस समेत कई कंपनियों के रिजल्ट अच्छे नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि बाजार में अभी और गिरावट आ सकती है। जब कंपनियों के रिजल्ट अच्छे आएंगे तो जाहिर तौर पर बाजार सुधरेगा। दस अक्टूबर से शुरु हुए रिजल्ट महीने भर आएंगे। ऐसे में फॉरेन सेल रुके या कंपनियों के रिजल्ट बेहतर आएं तो सुधार होगा। हुंडई के आइपीओ का भी असर है, क्योंकि यह बड़ा इश्यू है।
शेयर मार्केट एक्सपर्ट व इन्वाफेट कंपनी के चेयरमैन रजनीश गर्ग कहते हैं कि फॉरेन सेल का शेयर मार्केट पर बड़ा असर पड़ा है। हुंडई के आइपी का भी प्रभाव बाजार पर होना स्वाभाविक है। इस समय वेल्यूशन बहुत ज्यादा है। अगर फॉरेन सेल नहीं रुकी तो शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि सुधार के भी आसार हैं, अगर कंपनियों के रिजल्ट सुधरेंगे।
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