विकास गिरा धड़ाम से ! जींद में 20 करोड़ की लागत से बन रहा अंडरपास ढहने से मची अफरातफरी

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साथ लगते घरों में तमाम लोग फंसे, घटिया मैटीरियल के इस्तेमाल से हादसे का शक

जींद 23 फरवरी। यहां मिनी बाईपास पर दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन की क्रॉसिंग के लिए बन रहा अंडरपास एकाएक ढह जाने से अफरातफरी मच गई। अंडरपास के साइड में मकान भी हैं। उनके आगे से मिट्टी ढहने से गहरी खाई बनने के साथ मकानों में दरारें भी आ गई हैं।

जानकारी के मुताबिक अंडरपास के साथ मिट्टी ढहने के कारण तीन घरों में 20 से ज्यादा लोग अंदर ही फंस गए। हालांकि कुछ लोगों को सीढ़ी लगाकर बाहर निकाला गया। इन घरों में 10 से ज्यादा पशु भी बंधे हुए हैं, जो बाहर ही नहीं निकाले जा सके थे। मकानों में दरार आने से लोग दहशत में हैं। पूरे मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ से टैक्निकल टीम आने की चर्चा है।

ठेकेदार पर लगाए संगीन इलजाम :

यह अंडरपास हरियाणा स्टेट रोड्स एंड ब्रिज कॉर्पोरेशन यानि एचएसआरडीसी द्वारा करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से बनवाया जा रहा है। यहां रहने वाले लोगों का इलजाम है कि ठेकेदार ने यहां पर जो नाला बनाया था। उसमें घटिया मैटीरियल लगा था। इसी वजह से नाला धंस गया और मिट्टी खिसक गई। वहीं मिट्टी धंसने के कारण एक बार तो मकानों में रहने वाले लोग सहम गए। घर गिरने के खतरे को देख वह पड़ोसियों की मदद से सीढ़ी लगाकर मकानों के अंदर से खाली प्लाट व छत के रास्ते बाहर निकले। वहीं मकान के अंदर पशु फंसे रहे।

एचएसआरडीसी का दावा, बारिश से हादसा !

एचएसआरडीसी के डीजीएम शशांक कुमार ने दावा किया कि वीरवार रात बारिश की वजह से निर्माणाधीन अंडरपास की जमीन खिसकी। लेबर की मदद से मकानों के आगे मिट्टी भरी जा रही है। अंडरपास के दोनों तरफ मकानों की दूरी काफी कम है। इस बची हुई जगह में नाला और सर्विस रोड बनना है। दूसरी तरफ, समाजसेवी डॉ. राजकुमार गोयल ने इस मामले में डीसी मो. इमरान रजा से संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि मकान गिरने का खतरा है। एक बार मौके का मुआयना करें। वहीं डीसी ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी।

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