हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में किए गए पायलट प्रोजेक्ट ने साफ कर दिया है कि जल्द ही किसी भी कॉल करने वाले का सिर्फ नंबर ही नहीं, बल्कि उसका नाम भी मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगा। CNBC आवाज़ को मिले सूत्रों के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को यह सिस्टम 15 दिसंबर तक पूरे देश में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
टेलीकॉम कंपनियों को सख्त समयसीमा
नए सिस्टम के तहत कॉलर का वही नाम दिखेगा, जो उसने अपने उपभोक्ता आवेदन फॉर्म (CAF) में दर्ज किया होगा। यानी अब कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर कॉल नहीं कर सकेगा। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में इस तकनीक का सफल परीक्षण होने के बाद सरकार ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 30 नवंबर तक अपने नेटवर्क पर इस फीचर की शुरुआत कर दें। इसके बाद 15 दिसंबर तक सभी नेटवर्क पर कॉलर नेम दिखाना अनिवार्य होगा।
साइबर फ्रॉड पर लगेगी बड़ी लगाम
सरकार का मानना है कि यह पहल साइबर फ्रॉड, ठगी और फर्जी कॉल्स पर रोक लगाने में बड़ा हथियार साबित होगी। पहचान छिपाकर लोगों को धोखा देने वाले अब आसानी से पकड़े जाएंगे। डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मोबाइल यूजर्स के लिए बड़ा बदलाव
यह नया फीचर लागू होने के बाद हर मोबाइल उपयोगकर्ता के अनुभव में बड़ा बदलाव आएगा, और कॉल रिसीव करने से पहले ही कॉलर की पहचान स्पष्ट हो जाएगी।
