एयर प्रदूषण कंट्रोल करने को खरीदी दो मशीनें, जर्मनी की बता इंडियन मेड ली, 50 प्रतिशत कमीशन का किया खेल

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नगर निगम एसई संजय कंवर व एक्सियन बलविंदर पर घोटाले के आरोप

लुधियाना  13 जुलाई। कुछ समय पहले नगर निगम लुधियाना के एसई संजय कंवर को रोज गार्डन के नवीनीकरण के टेंडर में रिश्वत मांगने के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। एसई कंवर के कुर्सी से हटते ही उसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठानी शुरु कर दी है। जिसके चलते एसई द्वारा किए गए बाकी घोटाले भी धीरे-धीरे सामने आने शुरु हो चुके हैं। जहां पहले गुरु नानक स्टेडियम में बनाए जा रहे दो इंटरनेशनल बास्केटबॉल ग्राउंड के टेंडर में करोड़ों का घोटाला करने का मामला सामने आया। वहीं अब निगम द्वारा खरीदी गई पॉट होल पैचिंग मशीन को लेकर एक नया घोटाला सामने आया है। जिसमें आरोप है कि एसई संजय कंवर और एक्सियन बलविंदर सिंह की और से पॉट होल पैचिंग मशीन खरीदनें में 50 प्रतिशत रिश्वत ली। जिसकी आड़ में करीब 2 करोड़ अपनी जेब में डाल लिए। उन्होंने अपनी कमीशन के चक्कर में जानबूझकर मशीनें 2.69 करोड़ रुपए महंगी खरीदी गई। जिसके बाद वह मशीनें निगम में धुंल फाक रही हैं। दोनों अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने भारत मेड कम कीमत की दो मशीनें खरीद ली और केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी फंड से पेमेंट जर्मनी मशीनों की लेकर हड़प कर गए। इस संबंध में कुंदनपुरी के मनीष कुमार की और से सीएम भगवंत मान, लोकल बॉडी मंत्री रवजोत सिंह समेत कई अधिकारियों को शिकायत दी है। जिस पर कार्रवाई की मांग की गई है। अब देखना होगा कि क्या सीएम मान व उनकी आप सरकार भ्रष्टाचार में लिपत इन अफसरों पर एक्शन लेगी या नहीं।

2025 तक एयर प्रदूषण को करना था कम
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की और से 2019 में दा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनकैप) की शुरु की थी। जिसका मुख्य मकसद एयर प्रदूषण कंट्रोल करना था। जिसमें पॉट होल पैचिंग मशीन के जरिए सड़कों की साइड़ पर डस्ट को हटाना होता है। केंद्र सरकार द्वारा इस प्रोग्राम को देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित 131 शहरों में लांच किया था। जिसमें लुधियाना भी शामिल था। इस प्रोग्राम के तहत 2025 तक 40 प्रतिशत तक एयर प्रदूषण को कम करना था।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत खरीदी थी मशीनें
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पॉट होल पैचिंग मशीनें खरीदी जानी थी। केंद्र सरकार के इन फंड की निगरानी करने वाली टीमों द्वारा फैसला किया गया था कि मशीनें जर्मनी कंपनी की खरीदी जाएंगी। शिकायकतकर्ता का आरोप है कि एसई संजय कंवर और एक्सियन बलविंदर सिंह की और से अपनी जेबें भरने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यह मशीनें भारत की कंपनी से खरीद ली, जबकि पेमेंट जर्मनी कंपनी की ले ली।

भारत के दो ट्रक खरीदें, पेमेंट जर्मनी मशीन की ले ली
शिकायकतकर्ता का आरोप है कि इन मशीनों के लिए एक्सियन बलविंदर सिंह द्वारा वर्क ऑर्डर पास किए गए थे। इस प्रोजेक्ट के तहत छह मशीनें खरीदी जानी थी, लेकिन पहले दो मशीनें ली गई। यह दो मशीनें भारतीय कंपनी की 1.20 करोड़ की है। जबकि जर्मनी कंपनी की 3.89 करोड़ की है। दोनों अधिकारियों द्वारा शातिर तरीके से प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर मशीनें तो भारतीय मेटालाइट कंपनी की खरीदी, लेकिन केंद्र से पेमेंट जर्मनी मशीनों की ले ली। चर्चा है कि इसमें कई उच्च अफसरों की भी हिस्सेदारी थी।

दो साल में 5 बार भी नहीं लिया मशीनों से काम
जानकारी के अनुसार यह मशीनें ट्रकनुमा है। दो साल पहले इन्हें खरीदा गया। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि दो साल में पांच बार भी इन मशीनों से काम नहीं लिया गया। वहीं शहरवासियों का कहना है कि एसई संजय कंवर ने अफसरों और सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों को मशीनें दिखाने के लिए जानबूझकर इन्हें सराभा नगर, राजगुरु नगर, बीआरएस नगर और फिरोजपुर रोड पर ही सिर्फ इस्तेमाल किया। जबकि और किसी इलाके में मशीन का प्रयोग नहीं हुआ। जिसके बाद आज तक मशीनें पड़ी पड़ी कंडम हो रही है। चर्चा है कि अफसरों ने सिर्फ अपनी कमाई करने के चक्कर में यह मशीनें खरीदकर सरकार का पैसा बर्बाद किया।

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