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औद्योगिक प्लॉट आवंटन घोटाले में दो पूर्व एस्टेट अफसर व वरिष्ठ सहायक गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्लॉट बांटे

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पंजाब 8 सितंबर। विजिलेंस ब्यूरो पंजाब की और से पंजाब में औद्योगिक प्लॉट आवंटन घोटाले में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर स्कैम करने वाले 3 आरोपियों द्वारा मोहाली कोर्ट में सरेंडर कर दिया गया। जहां से विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसआईईसी) के इन आरोपियों पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप हैं। आरोपियों की पहचान पूर्व एस्टेट अधिकारी दर्शन कुमार उर्फ दर्शन गर्ग और अमरजीत सिंह, वरिष्ठ सहायक विजय कुमार गुप्ता के रुप में हुई है। तीनों आरोपियों ने मोहाली की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सरेंडर किया। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों पर औद्योगिक प्लॉट आवंटन में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने और घोटाले को अंजाम देने के गंभीर आरोप हैं।

जाली दस्तावजों पर फर्जी नामों से प्लॉट किए आवंटित

विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि आरोपी अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी खरीदारों, जाली पते और नकली फर्मों का उपयोग करके औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन में भारी अनियमितताएं कर रहे थे। इस धोखाधड़ी से सरकारी संपत्तियों का गलत तरीके से आवंटन कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। इसके लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी नामों से प्लॉट आवंटित किए गए थे, जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच अभी भी जारी है और आगे कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। जांच के दौरान इस घोटाले से जुड़े और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। विजिलेंस विभाग ने पहले भी कई ऐसे घोटालों का खुलासा किया है और इस मामले में भी दोषियों को सजा दिलाने के लिए सख्त कार्रवाई जारी है।

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