व्हाइट हाउस में इतिहास में पहली बार हाई वोल्टेज ड्रामा – ज़ेलेस्की व ट्रंप सबके सामने आपस में भिड़े-पूरी दुनियाँ हैरान!
दुनियाँ के इतिहास में पहली बार मेज़बान व मेहमान राष्ट्रपति ऑन द कैमरा हदें पार शाब्दिक भिड़ंत -मिर्ज़ा ग़ालिब का शेर बहुत बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले सटीक साबित-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियाँ के हर देश को अपने देश के नागरिक जीवन को चलाने के लिए अनेक क्षेत्रों में अनेक देशों के सामर्थ्य अनुसार सहयोग पाना बहुतजरूरी होता है जो, आर्थिक सामाजिक स्वास्थ्य सुरक्षा सहयोग वित्त उधार इत्यादि अनेक रूपों में हो सकता है, जिसके लिए उन देशों के प्रमुख या डेलिगेशन का आपस में बैठकर विचार विमर्श कर साइन करना एक सामान्य प्रक्रिया है। जैसे हम एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता व्यवस्था या नियमानुसार प्रक्रिया की संज्ञा दे सकते हैं और उच्च स्तरीय मामलों पर एक या अधिक देशों के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति आपस में बैठकर डील करते हैं जो एक सामान्य बात है, जिसमें एक देश मेजबान होता है और दूसरा एक या अधिक देश मेहमान होते हैं,जिसे हम भारत में अतिथि देवो भव कहते हैं। यानें वह मेहमान हमारे लिए भगवान के बराबर होता है जिसकी हम जी भरकर सेवा करते हैं। यह बातें आज हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि जैसा कि पहले से ही फिक्स था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति की शुक्रवार दिनांक 28 फरवरी 2025 को देर रात्रि अमेरिका के राष्ट्रपति से बैठक थी, जिसके जो खनिज संसाधनों पर चर्चा के लिए निश्चित थी परंतु वहां दोनों की बातचीत ऐसे स्तरपर पहुंच गई कि मेजबान-मेहमान की मर्यादा हदें पार कर दी गई, दोनों राष्ट्रपतियों की भिड़ंत ऐसी हुई कि मर्यादा की सभी हदें ऐतिहासिक स्तरपर पार कर दी गई स्टुपिड प्रेसिडेंट व गेट आउट जैसे शब्दों का प्रयोग पूरी दुनियाँ सुनकर स्तब्ध व हैरान रह गई है। मैं भी मीडिया चैनलों पर चल रही पूरी बातचीत जो अंग्रेजी भाषा में चल रही है, सुनकर स्तब्ध रह गया क्योंकि पिछले 45 वर्षों से मैं मीडिया लाइन में हूं तो कभी भी इस तरह काव्यवहार व माहौल नहीं देखा, पूरी दुनियाँ के साथ मैं भी स्तब्ध हूं कि ऐसा कैसे हो सकता है? इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,व्हाइट हाउस में इतिहास में पहली बार हाई वोल्टेज ड्रामा – ज़ेलेस्की व ट्रंप सबके सामने आपस में भिड़े-पूरी दुनियाँ हैरान!दुनियाँ के इतिहास में पहली बार मेज़बान व मेहमान राष्ट्रपति ऑन द कैमरा हदें पार शाब्दिक भिड़ंत-मिर्ज़ा ग़ालिब का शेर बहुत बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले सटीक साबित हुआ।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी व यूक्रेनी राष्ट्रपति के बीच दिनांक 28 फरवरी 25, 2025 को ऐसी ऐतिहासिक भिड़ंत हो गई जिसकी उम्मीद पूरी दुनियाँ को दूर-दूर तक नहीं थी पूरा विश्व हैरान है।अमेरिकी राष्ट्रपति और यूक्रेनी राष्ट्रपति के बीच व्हाइट हाउस में जो हुआ, वो वाकई में इतिहास में शायद पहली बार देखने को मिला. ओवल ऑफिस में एक हाई-प्रोफाइल मीटिंग के दौरान ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच इतनी गरमागरम बहस हुई कि ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को कुछ बोलकर बाहर निकाल दिया, ये वाकया इंटरनेशनल मीडिया में तहलका मचा रहा है और दुनियाँ भर से इस पर जबरदस्त रिएक्शन आ रहे हैं।ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच ये मुलाक़ात यूक्रेन में शांति और वहां के खनिज संसाधनों की डील पर चर्चा के लिए रखी गई थी, मीटिंग के दौरान ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर ये दबाव डाला कि वे रूस के साथ शांति वार्ता करें, जब ज़ेलेंस्की ने कहा कि वे यूक्रेनी हितों के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेंगे, तो ट्रंप को गुस्सा आ गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को स्टुपिड प्रेसिडेंट तक कह दिया? और फिर गुस्से में उन्हें ओवल ऑफिस से गेट आउट कहकर निकाल दिया ? रूसी सरकार और मीडिया ने ज़ेलेंस्की की इस कमी पर खुलकर खुशी जताई? रूस के सरकारी प्रवक्ता ने ज़ेलेंस्की को स्कूमबाग कहा और कहा कि उन्हें वही मिला जो उनके लायक था। रूस के विदेश मंत्री ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा,कम से कम ट्रंप में इतनी हिम्मत है कि वह अपने पक्ष को स्पष्ट शब्दों में रखते हैं।ट्रंप का रवैया-समझौता या धमकी?डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह यूक्रेन-रूस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं, लेकिन उनका मानना है कि ज़ेलेंस्की इस जंग को खींच रहे हैं, ट्रंप ने कहा, यूक्रेन को अब ये समझ जाना चाहिए कि अमेरिका हमेशा उनकी मदद नहीं करेगा. उन्हें शांति की ओर बढ़ना होगा, चाहे वह उनके लिए कितना ही मुश्किल क्यों न हो, ट्रंप का यह बयान अमेरिका की मौजूदा पॉलिसी में बड़े बदलाव का संकेत देता है, इससे पहले जो बाइडेन सरकार यूक्रेन की पूरी मदद कर रही थी, लेकिन ट्रंप की रणनीति बिल्कुल अलग नजर आ रह हैँ।मिर्जा गालिब का एक मशहूर शेर है – बहुत बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले। यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ अमेरिका में कुछ ऐसा ही हुआ। बड़े अरमान लेकर जेलेंस्की ट्रंप से मिलने गए थे, उन्हें उम्मीद थी कि यूक्रेन के लिए अमेरिका कुछ कर देगा, पर हकीकत में यह उनका भ्रम निकला, ट्रंप ने तो जेलेंस्की की सरेआम इंसल्ट कर दी, ट्रंप ने खाना तो छोड़िए, जेलेंस्की को सलाद तक नहीं उठाने दिया? बगैर खाना खिलाए ट्रंप ने जेलेंस्की को वाइट हाउस से चला दिया? तीखी नोकझोंक के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहते थे कि सब ठीक हो जाए, ट्रंप से आगे की बात की जाए, दुनिया को नया संदेश दिया जाए कि ऑल इज वेल,पर ट्रंप कहां मानने वाले थे,उन्होंने साफ-साफ संदेश भिजवा दिया, कह दो जेलेंस्की से कि वो चला जाए।दरअसल, शुक्रवार की रात में अमेरिका में हाईवोल्डटेज ड्रामा हुआ, ट्रंप और जेलेंस्की सबके सामने आपस में लड़ बैठे। अमेरिका क्या, दुनिया के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। वाइट हाउस में खूब बवाल हुआ,जेलेंस्की के तेवर और बात से इस कदर ट्रंप भड़क उठे कि वह भूल गए कि जेलेंस्की उनके मेहमान हैं। उन्होंने सबके सामने ही जेलेंस्की को रगड़ दिया. ट्रंप ने तो यूक्रेन को औकात तक दिखा दी।जेलेंस्की को इतना तक कह दिया कि आप तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं? बात इतनी बढ़ गई कि अमेरिका के एनएसए को बीच-बचाव करना पड़ा था।
साथियों बात अगर हम इस शाब्दिक जंग व मेहमान नावाज़ी के अपमान के असर की करें तो,इस पूरी घटना का क्या असरपड़ेगा ? यूक्रेन पर दबाव बढ़ेगा-अमेरिका की इस नई स्थिति के कारण ज़ेलेंस्की को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और संघर्ष करना पड़ सकता है?रूस को फायदा मिल सकता है, अगर अमेरिका ने यूक्रेन की आर्थिक और सैन्य मदद कम कर दी, तो रूस को अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिल सकता है। यूरोपियन यूनियन की भूमिका बढ़ सकती है-अब यूरोप को अपने दम पर यूक्रेन की मदद करनी होगी, क्योंकि अमेरिका पहले जैसा समर्थन नहीं देगा, ट्रंप की विदेश नीति पर सवाल- उनके इस रवैये से दुनियाँ में यह संदेश जा सकता है कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ भी सख्ती से पेश आता है?
साथियों बात अगर हम यूक्रेन के राष्ट्रपति के समर्थन में आए यूरोपीय यूनियन सहित अनेक देशों की करें तो ज़ेलेंस्की के सपोर्ट में उतरे देश: ऑस्ट्रिया- चांसलर कार्ल ने हमर ने कहा,यूक्रेन तीन साल से रूस के खिलाफ जंग लड़ रहा है. हमें इस संघर्ष का न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान चाहिए, लेकिन रूस ही हमलावर है।कनाडा- प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ज़ेलेंस्की के समर्थन में कहा, यूक्रेन लोकतंत्र, आज़ादी और संप्रभुता की लड़ाई लड़ रहा है। हम हमेशा यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे। स्लोवेनिया – राष्ट्रपति नताशा पीरक मुसर ने कहा,आज व्हाइट हाउस में जो हुआ, उसने अंतरराष्ट्रीय कानूनों और कूटनीति के बुनियादी सिद्धांतों को चोट पहुंचाई है। जर्मनी-चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने कहा,इस युद्ध को सबसे ज्यादा खत्म करना अगर कोई चाहता है, तो वह यूक्रेन ही है।फ्रांस- राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ज़ेलेंस्की की सराहना करते हुए कहा,रूस आक्रामक है और यूक्रेन पीड़ित।हमें इस सच्चाई को कभी नहीं भूलना चाहिए क्ल। यूरोपीय संघ।यूरोपीय कमीशन प्रेसिडेंट उर्सुला फॉन डेअर लीयन और यूरोपियन काउंसिल प्रेसिडेंट एंटोनियो कोस्टा ने कहा, यूक्रेनी लोगों की बहादुरी को हम सलाम करते हैं रोमानिया, पोलैंड, इटली, फिनलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन समेत कई यूरोपीय देशों ने ज़ेलेंस्की के लिए समर्थन जताया ऐसी खबरें मीडिया में आ रही है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विशेष लक्षण करें तो हम पाएंगे कि व्हाइट हाउस में ट्रंप जेंलेस्की की ऑन कैमरा ऐतिहासिक हदें पार भिड़ंत-स्टुपिट प्रेसिडेंट,गेट आउट शब्दों से दुनियाँ स्तब्धहुई हैँ।व्हाइट हाउस में इतिहास में पहली बार हाई वोल्टेज ड्रामा – ज़ेलेस्की व ट्रंप सबके सामने आपस में भिड़े-पूरी दुनियाँ हैरान!दुनियाँ के इतिहास में पहली बार मेज़बान व मेहमान राष्ट्रपति ऑन द कैमरा हदें पार शाब्दिक भिड़ंत-मिर्ज़ा ग़ालिब का शेर बहुत बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले सटीक साबित।
*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
*