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ओमेक्स कमर्शियल प्रोजेक्ट के बाहर सरेआम काटे जा रहे पेड़, अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चाएं

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लुधियाना 15 अप्रैल। वैसे तो पंजाब सरकार और प्रशासन की और से पेड़ लगाने का नारा लगाती है और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर मनुषय जीवन सुरक्षित करने की बात कहती है। लेकिन दूसरी तरफ लुधियाना में सरेआम पुराने पेड़ काट दिए जा रहे हैं। ताजा मामला लुधियाना के फाउंटेन चौक का सामने आया है। जहां पर ओमेक्स की और से कमर्शियल प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के बाहर लगे पेड़ सरेआम काट दिए जा रहे हैं। चर्चा है कि प्रोजेक्ट की ब्युटीफिकेशन में पेड़ दिक्कत कर रहे थे। जिसके चलते उन्हें काट डाला। इस तरह कर कई पेड़ काट दिए गए। जबकि अभी भी यह कार्रवाई जारी है। वहीं लोगों में चर्चा है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों की छत्रछाया में यह पेड़ काटे जा रहे हैं। इसी के चलते अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की जिला प्रशासन की और से कार्रवाई नहीं की गई। जबकि यह पेड़ सड़क पर से काटकर वहीं पर छोटे हिस्से किए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन को वह दिखाई नहीं दे रहा।

लग्जरी इमारत की जा रही तैयार
जानकारी के अनुसार ओमेक्स की और से फाउंटेन चौक के पास रानी झांसी रोड पर लग्जरी इमारत तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह पेड़ इमारत की खुबसुरती में अड़चन डाल रही थी। जिसके चलते इन पेड़ों को काट दिया गया। हालांकि यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी शहर में कमर्शियल प्रोजेक्ट्स की अड़चन बन रहे कई पेड़ काटे जा चुके हैं।

100 साल पुराने थे पेड़, इलाका निवासी खफा
इलाके के लोगों ने बताया कि यह पेड़ 100 साल पुराने हैं। इन पेड़ों के अलावा इलाके में और भी पेड़ है। जिसके चलते अगर कोई इलाके में आए तो पेड़ लगे खुबसुरत तो लगते ही है, साथ में ताजी हवा भी मिलती है। लेकिन ओमेक्स की और से अपने फायदे के लिए यह पेड़ काटकर लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। जबकि सरकार व प्रशासन भी चुप किए बैठा है।

कॉर्पोरेट ग्रुप वैसे करते समाज सेवा, ऐसे काट रहे पेड़
वैसे तो ओमेक्स समेत शहर के बाकी कॉर्पोरेट ग्रुप समाज सेवा करते हैं। जबकि अलग अलग मंच पर जाकर समाज सेवा के बड़े बड़े भाषण दिए जाते हैं। लेकिन वहीं कॉर्पोरेट ग्रुप अब शहर में पेड़ काटकर शहर की सुंदरता को खराब कर रहे हैं। जिसे देख लगता है कि लोगों को भाषण देने के समय तो जरुर इन कॉर्पोरेट ग्रुप को प्रयावरण की याद आ जाती है। लेकिन जब अपने मतलब हो तो प्रयावरण को साइड़ कर दिया जाता है और सिर्फ अपना फायदा देखा जाता है।

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