लुधियाना 31 मई। नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन व नीमा वूमेन फोरम लुधियाना ने संयुक्त रूप से विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया। नीमा के अध्यक्ष डॉ राजेश थापर, सचिव डॉ. नीरज अग्रवाल तथा कोषाध्यक्ष डॉ. आरके गर्ग के अनुसार विश्व में प्रतिवर्ष 31 मई को नो टोबैको डे मनाया जाता है। यह दिवस तंबाकू के उपयोग से उत्पन्न खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा इसकी खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों को लागू करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में एक वैश्विक अभियान है। डॉ. थापर व डॉ. नीरज ने तंबाकू की घातकता के बारे बताया कि पहले कश के 10 सेकंड के भीतर भीतर तंबाकू के धुएं में मौजूद जहरीले रसायन मस्तिष्क, हृदय और अन्य अंगों तक पहुंच जाते हैं। धूम्रपान फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के लगभग हर हिस्से एवं अवयव को नुकसान पहुंचता है और इसके उपयोग से कई बीमारियों का खतरा और भी बढ़ जाता है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन अत्यधिक नशीला पदार्थ होता है यह मस्तिष्क से डोपामिन नामक रसायन स्रावित करता है, डोपामिन से फील गुड तो होता है लेकिन इस से तंबाकू के नशे की लत लग जाती है। नीमा वूमेन फॉर्म की अध्यक्षा डॉ उषा किरण थापर तथा सह सचिव डॉक्टर शिवानी भाटिया ने बताया कि भारत में तंबाकू बीड़ी, सिगरेट, सीगार, हुक्का, खाने का तंबाकू, गुटका और नसवार के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। तम्बाकू से हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।
