ग्रामीण शासन को मजबूत करने के लिए पंजाब को 225 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 244 करोड़ रुपये और उत्तराखंड को 93 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिली

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नई दिल्ली/लुधियाना 20 फरवरी: केंद्र सरकार ने पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी किया है।  पंजाब के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 225.1707 करोड़ रुपये की अनटाइड ग्रांट की पहली किस्त जारी की गई है । ये धनराशि राज्य की पात्र 13144 ग्राम पंचायतों,  146 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 22 जिला पंचायतों के लिए है। जबकि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जारी पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान , वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनटाइड अनुदानों की दूसरी किस्त, जिसकी राशि रु .237.1393 करोड़ है, के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनटाइड अनुदानों की पहली किस्त की रोकी गई राशि रु 6.9714 करोड़ है। ये धनराशि राज्य की 11548 पात्र ग्राम पंचायतों, सभी पात्र 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 27 जिला पंचायतों के लिए है। जबकि उत्तराखंड में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए , वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनटाइड अनुदानों की पहली किस्त , जिसकी राशि रु .93.9643 करोड़ है, जारी की गई है।

 

भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय ( पेयजल और स्वच्छता विभाग ) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है , जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। और एक वित्तीय वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है। वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस ( 29 ) विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट महसूस की जाने वाली जरूरतों के लिए पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) / ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) द्वारा अनबंधित अनुदानों का उपयोग किया जाएगा। बंधे हुए अनुदानों का उपयोग (ए) स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, और इसमें विशेष रूप से घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, सीवरेज और मल कीचड़ प्रबंधन शामिल होना चाहिए

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