हलका वेस्ट उपचुनाव : आम आदमी पार्टी की साख दांव पर, दिल्ली हार के बाद यह चुनाव जरुरी

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  लुधियाना 26 फरवरी। लुधियाना हलका वेस्ट से विधायक रहे स्वर्गीय गुरप्रीत सिंह बस्सी गोगी की मौत के बाद छह महीने के अधीन उपचुनाव करवाए जाने हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी की और से अपने उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा सांसद और नामी कारोबारी संजीव अरोड़ा को चुनाव मैदान में उतारा है। यह हलका ज्यादातर कारोबारियों का है। बेशक संजीव अरोड़ा की कारोबार जगत में अच्छी पकड़ है, लेकिन यह चुनाव जीतना पंजाब की आप सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती है। क्योंकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ी हार मिली है। ऐसे में दिल्ली हार के बाद जनता फेस सेविंग के लिए यह उपचुनाव जीतना सरकार के लिए बेहद जरुरी बन चुका है। क्योंकि पंजाब में सबसे ज्यादा विधायक भी आम आदमी पार्टी के पास हैं। जबकि पूरे पंजाब में 117 विधानसभा सीटें है। ऐसे में पूरे पंजाब में सिर्फ एक सीट पर चुनाव होने हैं। अगर पार्टी को हलका वेस्ट सीट पर नुकसान होता है तो इससे मान सरकार की साख भी दांव पर आ जाएगी। पार्टी को अपनी साख बचाने के लिए इस सीट को जीतना अति जरुरी हो चुका है। चर्चा है कि पार्टी अपनी पूरी ताकत इस सीट को जीतने पर लगा सकती है।

आशु के वोट बैंक को होगा नुकसान

बता दें कि हलका वेस्ट में ज्यादातर व्यापारिक व ट्रेड के साथ जुड़े लोग रहते हैं। जबकि सांसद संजीव अरोड़ा की व्यापार में अच्छी पकड़ है। जबकि भारत भूषण आशु की भी हलके में अच्छी पहचान है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस की और से भारत भूषण आशु को उपचुनाव में उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो आशु की वोट बैंक को बड़ा असर पड़ेगा। वहीं संजीव अरोड़ा के आशु के साथ पारिवारिक संबंध भी है। दोनों राजनेताओं का वोट बैंक 60 प्रतिशत एक ही है है। लेकिन अगर आशु चुनाव लड़ते हैं तो यह वोट बैंक बंट जाएगा।

 

बीजेपी सिख चेहरा, महिला या व्यापारी को मैदान में उतार सकती है
चर्चा है कि बीजेपी किसी महिला, सिख व व्यापारी को उतार सकती है। हलके में आते मॉडल टाउन व बीआरएस नगर में माइग्रेट लोग ज्यादा है, जो ज्यादातर सिख चेहरे है। इस सीट के लिए भाजपा नेता एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू, राशि अग्रवाल, जीवन गुप्ता, अमरजीत टिक्का, राकेश कपूर प्रबल दावेदारी में अपना नाम कह रहे हैं। हालांकि अभी पार्टी ने किसी पर मोहर नहीं लगाई है। अब देखना होगा कि बीजेपी द्वारा क्या स्टेट्रजी अपनाई जाती है। देखा जाए तो पिछले दो चुनाव में इस हलके में बीजेपी का वोट बैंक बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में बिक्रम सिद्धू व लोकसभा में रवनी

त सिंह बिट्‌टू बतौर उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। दोनों नेताओं को हलका वेस्ट से काफी ज्यादा वोटिंग हुई ती। जिससे भाजपा का वोट शेयर बढ़ा है। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में आशु का वोट बैंक कम हुआ था।

 

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