भारत में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं—फिर चाहे वो विशाल पुल हों, आधुनिक स्टेडियम, ऊंचे स्टैच्यू, या भव्य मंदिर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित निर्माण कार्य—जैसे दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, देश का सबसे लंबा पुल और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा—एक ही कंपनी ने बनाए हैं? यह कंपनी है लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro), जिसे संक्षेप में एलएंडटी (L&T) कहा जाता है।
एलएंडटी के शानदार प्रोजेक्ट्स
एलएंडटी ने असम में स्थित भूपेन हजारिका सेतु, जो भारत का सबसे लंबा पुल है, का निर्माण किया। इसके अलावा कंपनी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, नरेंद्र मोदी स्टेडियम, लोटस टेम्पल (दिल्ली), मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम, मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक जैसे ऐतिहासिक प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।
कंपनी की शुरुआत और संस्थापक
एलएंडटी की स्थापना 1946 में दो डेनिश इंजीनियरों—हेनिंग होल्क-लार्सन और सोरेन क्रिस्टियन टुब्रो—ने की थी। दोनों डेनमार्क के रहने वाले थे और शुरू में मुंबई में डेयरी उपकरणों की आपूर्ति से जुड़े काम करते थे। आजादी के बाद कंपनी ने देशभर में विस्तार किया और धीरे-धीरे भारत की अग्रणी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी बन गई।
नेतृत्व और वर्तमान स्थिति
वर्तमान में ए. एम. नाइक कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस हैं, जबकि एस. एन. सुब्रमण्यन चेयरमैन और एमडी के पद पर हैं। एलएंडटी एक पब्लिक लिस्टेड कंपनी है, जिसमें आम निवेशकों, विदेशी निवेशकों और संस्थागत निवेशकों का हिस्सा है।
नई दिशा की ओर कदम
अब एलएंडटी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) सेक्टर में उतरने की योजना बना रही है। कंपनी ने चेन्नई के पास 200 एकड़ भूमि के लिए तमिलनाडु सरकार से बातचीत भी शुरू की है। करीब 17 अरब डॉलर मूल्य वाला यह समूह अब टाटा जैसी एंड-टू-एंड मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं वाला इंटीग्रेटेड प्लेयर बनने की दिशा में अग्रसर है।





