फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) आज भी भारत में सबसे सुरक्षित और पारंपरिक निवेश विकल्पों में से एक है। भले ही इसमें शेयर बाजार जैसी ऊंची कमाई की संभावना न हो, लेकिन जोखिम कम होने के कारण बड़ी संख्या में लोग इसमें पैसा लगाना पसंद करते हैं। हालांकि, एफडी में निवेश करने से पहले विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करना बेहद जरूरी है ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके।
प्राइवेट सेक्टर बैंकों की एफडी दरें
देश के प्रमुख निजी बैंकों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक एक साल की एफडी पर आम नागरिकों को 6.25% और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75% ब्याज दर दे रहे हैं।
आईसीआईसीआई बैंक दो साल या उससे अधिक अवधि की एफडी पर सामान्य निवेशकों को 6.6% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.1% ब्याज दे रहा है। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक में 391 दिन से 23 महीने की एफडी पर सबसे अधिक रिटर्न ऑफर किया जा रहा है।
फेडरल बैंक 999 दिनों की एफडी पर 6.70% का अधिकतम ब्याज दे रहा है।
सरकारी बैंकों की एफडी दरें
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में एक साल की एफडी पर आम नागरिकों को 6.25% और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75% ब्याज मिल रहा है। वहीं, दो से तीन वर्ष की एफडी पर ब्याज दरें क्रमशः 6.45% और 6.95% हैं।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एक साल की एफडी पर 6.40% (सामान्य) और 6.90% (सीनियर सिटीजंस) ब्याज दे रहा है, जबकि तीन साल की एफडी पर यह दर बढ़कर 6.6% और 7.1% हो जाती है।
केनरा बैंक में 444 दिनों की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.50% और वरिष्ठ नागरिकों को 7% ब्याज मिल रहा है।
वहीं, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में एक साल की एफडी पर 6.25% (सामान्य) और 6.75% (सीनियर सिटीजंस) ब्याज दिया जा रहा है। 390 दिनों की एफडी पर ब्याज दर 6.1% और 7.1% तक पहुंच जाती है।जो निवेशक सुरक्षित और स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं, उनके लिए एफडी एक बेहतर विकल्प है। हालांकि, ब्याज दरों में अंतर को देखते हुए निवेश से पहले बैंकों की तुलना करना जरूरी है, ताकि पूंजी पर अधिकतम लाभ मिल सके।
 
								 
				 
											




