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डगमगाई-तकड़ी : दोफाड़ शिअद में अब जालंधर विस उप चुनाव को लेकर दोनों गुट आमने-सामने

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वडाला-बीबी जागीर ने खोला शिअद प्रधान सुखबीर पर जड़ा इलजाम, उम्मीदवार ‘गरीब’ जान हटा दिया

जालंधर 28 जून। शिरोमणि अकाली दल-बादल में हालात बद से बदतर हो चले हैं। अब असंतुष्ट गुट ने जालंधर वैस्ट विधानसभा सीट पर उप चुनाव में शिअद उम्मीदवार हटाने के फैसले पर खुला विरोध कर दिया। सीनियर अकाली नेता बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है।

पार्टी का फैसला नकारा : वडाला ने कहा कि आज हमारी पार्टी अपने ही सिद्धांतों पर खरी नहीं उतर पाई। वह इस बात पर भड़के, क्योंकि बादल ने ऐलान कर दिया कि वह उप-चुनाव में बीएसपी का समर्थन करेंगे। इस पर वडाला बोले कि बादल के नेतृत्व में पार्टी को काफी नुकसान हो गया। ऐसे में पार्टी में बदलाव की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि पार्टी को उम्मीदवार के बारे में पता नहीं था। वडाला ने अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर को वोट देने की अपील की।

जमकर घेरा बादल परिवार को : वडाला ने कहा कि लोग अब पार्टी में बदलाव देखना चाहते हैं। सुखबीर बादल ने अपने एक भाषण में कहा था कि पार्टी किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है। अगर पार्टी प्रमुख की यही राय है तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। पार्टी प्रमुख ने बीएसपी का समर्थन कर एक गरीब परिवार का मजाक उड़ाया है। अगर कोई अमीर उम्मीदवार होता तो कभी भी पर्चा वापस नहीं लिया जाता। इसका उदाहरण विरसा सिंह वल्टोहा हैं। वडाला ने आगे तंज कसा कि सांसद हरसिमरन कौर बादल ने संसद में दुखद बयान दिया कि छोटा सा पंजाब, छोटी सी पार्टी। जबकि हमारा इतिहास सबसे बड़ा है।

क्यों वापस लिया उम्मीदवार : शिअद की यह अघोषित-नीति है कि बागियों को सबक सिखाना है। पार्टी प्रवक्ता डॉ.दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा कि जालंधर उप-चुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया, उसका समर्थन नहीं करेंगे। साथ ही तर्क दिया कि जिसे (सुरजीत कौर) को बीबी जागीर कौर ने उम्मीदवार बनवाया, इस बारे में उनसे पूछा ही नहीं गया। इसके साथ ही शिअद ने अपनी उम्मीदवार की बजाए बसपा के उम्मीदवार बिंदर लाखा का आधिकारिक ऐलान कर दिया। कुल मिलाकर, सियासी जानकारों की नजर में ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि बागी गुट ने सुखबीर के नेतृत्व पर ही सवाल उठा दिए।

ऐसे बढ़ी थी कलह : दरअसल बीते दिन शिअद के टकसाली नेताओं प्रो.प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, गुरप्रताप सिंह वडाला समेत और कई टकसाली नेताओं ने मीटिंग की थी। जबकि चंडीगढ़ में शिअद की बड़ी बैठक उसी दौरान चल रही थी, बागी नेता वहां नहीं पहुंचे। जालंधर की बैठक में प्रो.चंदूमाजरा ने पार्टी में ‘बदलाव’ की सलाह देकर आग में घी डालने का काम किया। नतीजतन पार्टी ने पलटवार के तौर पर बीबी जागीर गुट की जालंधर उप चुनाव में उम्मीदवार सुरजीत कौर को मैदान से हटाने का ऐलान कर बागियों को बड़ा झटका दिया। मगर सुखबीर की उम्मीद के उलट बागी डरने की बजाए अब तो आरपार की लड़ाई के लिए हुंकार भरने लगे हैं।

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