चरणजीत सिंह चन्न
जगरांव 17 फरवरी। तत्कालीन तथाकथित एस.एच.ओ. और ए.एस.आई. अनुसूचित जाति के दो परिवारों पर अवैध हिरासत में पुलिस द्वारा किए गए क्रूर अत्याचारों के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन के समक्ष तीन साल से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में आज दशमेश किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष डॉ. गुरमेल सिंह कुलार, पुलिस विरोधी जबरदस्ती फ्रंट के अध्यक्ष गुरदेव सिंह मुल्लांपुर, गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के अध्यक्ष भाई जसप्रीत सिंह ढोलन, मजदूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष भरपूर सिंह छज्जावाल और सीआईटीयू नेता निर्मल सिंह धालीवाल सहित पीड़ित परिवारों ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, दिल्ली के आदेशों के अनुसार मुआवजा, पेंशन और अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मांग को लेकर धरना दिया। प्रेस को जारी बयान में कामरेड निर्मल सिंह धालीवाल, कामरेड भरपूर सिंह छज्जावाल, भाई जसप्रीत सिंह, दर्शन सिंह धालीवाल और इकबाल सिंह रसूलपुर ने कहा कि पीड़ित परिवार हमदर्द संगठनों के सहयोग से करीब तीन साल से स्थाई धरने पर बैठा है, लेकिन पुलिस और सिविल अधिकारियों ने पूरी तरह से अपनी कान और आंखें मुंद रखी हैं। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि राज्य और केंद्रीय आयोगों के आदेशों की भी पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, दिल्ली के आदेशों और अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 नियम 1995 में 2016 में संशोधन के अनुसार सभी पीड़ितों को नियमों के अनुसार मुआवजा, अनुकंपा रोजगार, पीड़ित की मां को पेंशन और पिछले समय में हुए आर्थिक नुकसान के लिए किए गए सर्वेक्षण के अनुसार पीड़ित परिवारों को भुगतान किया जाए। नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता, संघर्ष जारी रहेगा। इस समय पीड़ितों की माता सुरिंदर कौर, दर्शन सिंह, कमलजीत कौर, हरी सिंह चचराड़ी, गुरदीप सिंह सबदी, कुलदीप सिंह सिद्धू, अजैब सिंह अखाड़ा, बापू दलीप सिंह अखाड़ा, सोहन सिंह सबदी, हरपाल सिंह सबदी, वरिंदर कुमार जगराओं आदि मौजूद थे।