कई नाके क्रॉस किए, लेकिन मुलाजिम करते हैं अनदेखा
मिलन
लुधियाना 9 अप्रैल। शहर की सबसे व्यस्त सड़कों पर मालवाहक वाहनों में इंसानों की जान से खिलवाड़ होता दिखाई दे रहा है। ट्रैफिक ज़ोन 1 के अधीन मुख्य जीटी रोड़ पर काराबारा चौक के नज़दीक एक तेज़ रफ्तार टेम्पो में मजदूरों को खुले में पीछे लटककर यात्रा करते देखा गया। यह स्थिति न केवल मोटर वाहन अधिनियम का घोर उल्लंघन है, बल्कि एक बड़ी दुर्घटना को न्यौता भी है। यह वाहन लापरवाही से कई ट्रैफिक पुलिस पोस्ट के सामने से गुजरा, लेकिन कहीं कोई रोक-टोक नहीं हुई।
जिंदगी से खिलवाड़, रोज़ का दृश्य बनता जा रहा है
यह कोई पहली बार नहीं है, जब ऐसे वाहन शहर की सड़कों पर देखे गए। लेकिन इस बार तस्वीर ने यह साबित कर दिया है कि नियम केवल आम जनता के लिए हैं, जबकि व्यवसायिक वाहन चालकों और मालिकों को अघोषित छूट है। वाहन में पीछे बैठे मजदूरों के पास कोई सुरक्षा इंतज़ाम नहीं था, न सीट बेल्ट, न कोई रेलिंग पकड़ने की व्यवस्था। एक झटका या अचानक ब्रेक से जान जाने का खतरा सीधा और स्पष्ट है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या अब भी प्रशासन द्वारा दुर्घटना होने तक इंतज़ार किया जाएगा।
कई ट्रैफिक पोस्ट हुए पार, कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय लोगों के अनुसार यह वाहन कई ट्रैफिक नाकों से बिना रोके गुजरा लेकिन कहीं भी किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने इसे नहीं रोका। इससे संदेह और भी गहराता है कि या तो पुलिस ने जानबूझकर अनदेखी की या फिर इन वाहन मालिकों की कोई पहुंच या कोई समझौता हो सकता है, जिससे उन्हें नियम तोड़ने की छूट मिल रही है।
आखिर प्रशासन कब लेगा सुध
ट्रैफिक विभाग आए दिन चालान और हेलमेट चेकिंग के नाम पर आम नागरिकों से सख्ती करता है, लेकिन ऐसे खुलेआम नियम तोड़ने वालों पर क्यों रोजाना कोई कार्रवाई नहीं की जाती ? क्या यह दोहरे मापदंडों की मिसाल नहीं है। मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार मालवाहक वाहनों में इस तरह लोगों को बैठाना गैरकानूनी है और इसके लिए जुर्माने के साथ वाहन मालिक का लाइसेंस रद किया जा सकता है। अब देखना यह होगा कि ट्रैफिक पुलिस इस मामले के बाद कितनी गंभीरता दिखाती है और क्या भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस और स्थायी कदम उठाए जाते हैं या नहीं।