चंडीगढ/यूटर्न/3दिसंंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में 3 नए कानूनों को लागू करने की समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी उनके साथ रहे। यहां उन्होंने चंडीगढ़ में लागू किए गए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का डेमो भी देखा। चंडीगढ़ तीनों कानून लागू करने वाला पहला राज्य बना है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- नए कानूनों से गुलामी की निशानी, क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल पाया है। चंडीगढ़ नए कानूनों को पूरी तरह लागू करने वाला शहर बनने जा रहा है। चंडीगढ़ देश के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पहला राज्य बनेगा, जहां पूरी तरह से यह तीनों कानून लागू होंगे।
इन कानूनों की आत्मा भारतीय, इनका मकसद न्याय दिलाना पुराने कानून 160 साल पुराने थे। ये अंग्रेजों ने बनाए गए थे। ये नागरिकों की जगह अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा के लिए बने। नए कानून भारतीयों और उनकी सुरक्षा के लिए बने हैं। इससे सभी को न्याय मिलेगा। 3 साल में ये कानून पूरे देश में लागू हो जाएंगे। तारीखों (पेशी) से छुटकारा मिल जाएगा। इन कानूनों की सबसे बड़ी आत्मा भारतीय है और इनका मकसद भारतीय को न्याय दिलाना है। दुनिया का सबसे बड़ा रिफॉर्म तीन साल बाद हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया का सबसे बेहतर सिस्टम होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिफॉर्म बनेगा। कानून बनाने के लिए 2019 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। 160 से अधिक मीटिंग हुईं। ये 43 देशों के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की स्टडी है। 11 लाख से अधिक अफसरों को कानून को लागू करने के लिए ट्रेनिंग दी गई। अब आतंकियों को फायदा नहीं मिलेगा कानून में महिला व बच्चों के लिए अलग चैप्टर जोड़ा गया है। आतंकवाद व संगठित अपराध की परिभाषा तय की गई है। अब आतंकियों को फायदा नहीं मिलेगा। 90 दिन में पुलिस को प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी। जीरो एफआईआर समेत कई चीजों के लिए थाने में जाने की जरूरत नहीं है। आने वाले 6 महीने में वन क्लिक ऑल डेटा बेस लागू कर देंगे। मोदी के सामने हत्या का सीन प्रदर्शित किया गया। कंट्रोल रूम पर सूचना मिलने के बाद पुलिस का अगला कदम क्या होता है। सबूत व तथ्यों को जुटाने से लेकर तथ्यों को किस तरह प्रयोग किया जाता है, फोरेंसिक टीम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे होगा, इसके बारे में बताया गया। आखिर में कोर्ट भी बनाया गया, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी और आरोपियों को सजा दिलाने के बारे में बताया गया।
पीएम के भाषण की खास बातें
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब तारीख पर तारीख के दिन लद गए यानी खत्म हो गए हैं। नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आने वाली कानूनी अड़चन दूर होगी। लोगों ने सोचा, अंग्रेज चले गए तो उनके कानूनों से मुक्ति मिलेगी। मोदी ने कहा कि 2020 में इन 3 नए कानूनों का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके बाद कई जगह से सुझाव लिए गए। इसमें हाईकोर्ट के जजों और लोगों बात की गई। आजादी के 7 दशकों में न्याय व्यवस्था में आई चुनौतियों पर मंथन किया गया। देश को 1947 में आजादी मिली। कई लोगों के बलिदान के बाद जब आजादी की सुबह आई तो कैसे-कैसे सपने थे, लोगों में कितना उत्साह थे। लोगों ने सोचा था कि अंग्रेज चले गए हैं तो अंग्रेजों के कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी। यह कानून अंग्रेजों के शोषण करने का जरिया थे, जिनसे वह भारत में अपनी सत्ता मजबूत करना चाहते थे। आजाद देश में गुलामों के लिए बने कानूनों को क्यों ढोया जाए। न हमने यह बात उनसे पूछी न ही शासन कर रहे लोगों ने समझी। इन्होंने भारत की विकास यात्रा को प्रभावित किया। वहीं, अब देश उस गुलामी से बाहरी निकले। इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन आवश्वयक था। इसलिए 15 अगस्त को मैंने लाल किले से यह चीज लोग सामने रखी थी। पीएम ने कहा कि गरीब व कमजोर लोग कानून के नाम से डरते थे। पहले वह लोग कोर्ट-कचहरी में कदम रखने से डरते थे, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता लोगों की इस मानसिकता को बदलने का काम करेगी। यही सच्चा सामाजिक न्याय है। जिसका भरोसा हमारे संविधान में दिलाया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा हर पीडि़त के प्रति संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। देश के नागरिकों को इसकी बारीकियों का पता चलना भी उतना ही जरूरी है।
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नये कानूनों से गुलामी की बदबू दूर हुई,आतंकवाद पर भी नुकेल कसी: मोदी
Kulwant Singh
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