मैढ़ स्वर्णकार शिरोमणि महाराजा अजमीढ़ देव जी का समाज हमेशा उनका ऋणी रहेगा : कुलवंत सिंह चौहान

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राजपूत सभा ने महाराजा अजमीढ़ देव की जयंती मनाई

सुनील पांडेय

लुधियाना, 7 अक्तूबर। महानगर में विश्वकर्मा चौक के नजदीक राजपूत भवन में जिला राजपूत सभा द्वारा मैढ़ राजपतू स्वर्णकार समाज के संस्थापक महाराज अजमीढ़ देव की  जयंती बड़ी श्रद्धा से मनाई गई। समारोह के मुख्यातिथि प्रदेश राजपूत सभा के  पंजाब प्रधान कुलवंत सिंह चौहान, जिला राजपूत सभा लुधियाना के प्रधान परमदीप सिंह जौड़ा ने उन के चित्र के सम्मुख ज्योति प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस मौके पर चौहान ने कहा कि मैढ़ कुल स्वर्णकार समाज के संस्थापक अजमीढ़ महाराज ब्रह्मा जी की वंशावली में 28वीं सदी में हुए। राजा हस्ती के तीन पुत्र अजमीढ़, द्विमीढ़ पुरुमीढ़ हुए। अजमीढ़ के  पुत्र के नाम से विभिन्न गोत्रों-वंशोंके चले। चक्रवर्ती सम्राट स्वर्णकाला के महान दानी महाराजा अजमीढ़ देव ने समृद्ध और सम्मानित मैढ़ राजपूत स्वर्णकार समाज की रचना की गुरुकुल स्थापित स्वर्ण आभूषण बनाने का ज्ञान समाज को दिया। लोगों को महाराज के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। वह भगवान श्री राम चन्द्र के परम प्रिय मित्र थे।

इस अवसर जिला प्रधान परमदीप सिंह जौड़ा ने कहा कि राजपूत स्वर्णकार समाज महाराज अजमीढ़ देव महाराज का उपकार कभी भूला नहीं सकता है। उन्होंने स्वर्णकारों को गहने बनाने की कला प्रदान की और गुरुकुल बनाकर सोने-चांदी के गहने बनाना सिखाया। इस अवसर पर जीवन सिंह कंड़वल, कप्तान सिंह, दलीप सिंह भंम, ऐडवोकेट अरूण खुरमी, बलदेव सिंह सुदेड़ा, सतनाम सिंह भूटो, सतिन्द्र सिंह टोनी, डॉ. सुभाष वर्मा, सर्वजीत सिंह कंड़वल,संदीप कंड़वल, जगतार कंडा, सुभाष वर्मा कंडा आदि उपस्थित थे।

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