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‘सस्पेंस-मूवी’ जैसे ही हालात बन चुके शिअद-बादल में, मनप्रीत भले ही नहीं आए, डिंपी ढिल्लों पार्टी छोड़ गए

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डिंपी के आप में जाने की है उम्मीद, शिअद सुप्रीमो बादल उनको मना गिद्दड़बाहा से विस उप चुनाव लड़ाने को राजी

नदीम अंसारी
लुधियाना/यूटर्न/26 अगस्त। वाकई सच कहा गया है कि जब मुसीबत आती है तो चारों तरफ से। अब पंजाब की सियासत में शिरोमणि अकाली दल-बादल में कुछ ऐसे ही हालात बने हुए हैं। पार्टी का बागी-गुट शिअद मुखिया सुखबीर बादल के खिलाफ लगातार मोर्चाबंदी तेज कर रहा है। ऐसे में पार्टी मुखिया सुखबीर के बहुत पुराने सियासी-दोस्त हरदीप सिंह यानि डिंपी ढिल्लों ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने इसकी वजह भाजपा नेता मनप्रीत सिंह बादल की सुखबीर से अंदरखाते ‘सांठगांठ’ बताई।
गौरतलब है कि पिछली बार गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से अकाली उम्मीदवार डिंपी ढिल्लों चुनाव हारे थे। उनको कांग्रेसी उम्मीदवार राजा वड़िंग ने थोड़े ही मतों के अंतर से हराया था। अब इस सीट पर राजा वड़िंग के इस्तीफे के बाद उप चुनाव होने हैं। इसी बीच शायद डिंपी ढिल्लों को भनक लगी कि मनप्रीत बादल को बीजेपी से शिअद में लाकर सुखबीर इस सीट से टिकट देने वाले हैं। यह बात दीगर है कि फिलहाल तक मनप्रीत तो बीजेपी में ही हैं और डिंपी शिअद से बगावत कर गए। ऐसे में पार्टी मुखिया सुखबीर से लेकर बाकी नेता हैरान-परेशान लग रहे हैं।
मैं ‘घी-खिचड़ी’ में ‘मक्खी’ बना था : डिंपी
दरअसल सोमवार को डिंपी ढिल्लों अपने समर्थकों से मीटिंग में आम आदमी पार्टी में जाने के संकेत दिए। गिद्दड़बाहा में इस मीटिंग में कुछ समर्थकों ने कहा कि सरकार के दो साल शेष हैं। ऐसे में सरकार की तरफ जाना चाहिए। सीएम भगवंत मान या उनका कोई जिम्मेदार व्यक्ति आता है तो उनसे मीटिंग करेंगे। साथ ही यदि वह हमारे काम करने की हामी भरते हैं तो उनके साथ जाने की सोच सकते हैं। हालांकि डिंपी ने कहा कि वह उसी जगह पर दोबारा मीटिंग करेंगे, जिसके बाद ही फैसला लेंगे। उन्होंने सुखबीर-मनप्रीत को लेकर तंज कसा कि वह पार्टी छोड़कर खुद को आजाद महसूस कर रहे हैं। वह ‘घी-खिचड़ी’ में ‘मक्खी’ बनकर रह गए थे। उन्होंने कहा कि मुझे पहले भी सभी पार्टियों से ऑफर आते रहे, मैं उन्हें इनकार करता रहा। मैं सुखबीर बादल पर आंखें बंद कर विश्वास करता रहा।
डिंपी को टिकट देने को तैयार, वेट करेंगे : सुखबीर
डिंपी के पार्टी छोड़ने के बाद शिअद प्रधान बादल ने गिद्दड़बाहा के अकाली नेताओं से मीटिंग की। हैरान करने वाले अंदाज में उन्होंने कहा कि मुझे डिंपी के पार्टी छोड़ने से दुख लगा। मैं आज भी उनको टिकट देने को तैयार हूं। मैं उनसे पार्टी में वापसी की अपील करता हूं। सुखबीर ने यहां तक दावा किया कि मेरे लिए रिश्तेदारी से पहले पार्टी है। मनप्रीत और हमारी राहें अलग हैं। मैं चार महीने से मनप्रीत बादल से मिला नहीं हूं। मनप्रीत को अगर पार्टी में शामिल करना होता तो उस समय पार्टी में शामिल कर लेते, जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। हालांकि उन्होंने कहा कि डिंपी की दो महीनों से आम आदमी पार्टी से बातचीत चल रही थी। वहीं, वर्करों ने मांग रखी की डिंपी चुनाव नहीं लड़ते है तो सुखबीर बादल खुद यहां से चुनाव लडे़ं। जिस पर बादल ने कहा कि अभी दस दिन डिंपी का इंतजार करेंगे। इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। अकाली नेता मनतार सिंह बराड़ ने भी कहा कि डिंपी ने पार्टी की वजह मनप्रीत सिंह बादल को बताया। जब मनप्रीत शिअद में आए ही नहीं तो उन्हें पार्टी की टिकट कैसे दी जा सकती है।

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