राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 26 सितंबर। लुधियाना शहर में लुटपाट, स्नेचिंग व चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कई थानों के एसएचओ बदल दिए थे। जिसके बाद थानों द्वारा ताबड़बोड़ कई स्नेचर व लुटेरे पकड़े थे। तबादलों के दौरान सीपी ने सख्त लिहाजे से कहा था कि जिस थाने में वारदात होगी, उसी थाने का एसएचओ जिम्मेदार होगा। हालाकि पिछले दिनों जालंधर ग्रामीण में भी सही कार्रवाई न करने पर पांच अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं, अब लुधियाना में लूट के मामले में पुलिस अफसरों की लापरवाही सामने आई है। वारदातों को रोकना तो दूर, वारदात होने के बाद उसे ट्रेस करना भी अफसरों को मुश्किल लगने लगा है। दरअसल, गिल रोड स्थित भगवान चौक के पास एक महीना पहले एक बाइक सवार दो मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने घेरकर किरपान मारकर जख्मी कर दिया। जिसके बाद उससे आईफोन 14 प्रो मोबाइल, छह हजार नकदी व पर्स लूट लिया गया। पीड़ित युवक का आरोप है कि इस मामले में अपने साथ हुई वारदात में इंसाफ लेने के लिए वह थाने के चक्कर लगाता रहा। जिस कारण उसकी नौकरी तक चली गई, जिसके बावजूद उसे न तो इंसाफ मिला और न ही पुलिस ने उसकी एफआईआर दर्ज की। एक महीना बीतने के बाद भी वे युवक थाने के चक्कर लगा रहा है। कोट मंगल सिंह निवासी शुभम की और से इस संबंधी थाना डिवीजन नंबर छह में शिकायत दी है।
सिर में मारी किरपान, हेलमेंट से हुआ बचाव
पीड़ित शुभम ने बताया कि वह 28 अगस्त की देर रात तकीब सवा एक बजे काम से छुट्टी के बाद मोटरसाइकिल पर घर जा रहा था। भगवान चौक के नजदीक उसे बाइक सवार दो बदमाशों ने घेर लिया। उन्होंने किरपान से उसके सिर में वार किया। लेकिन हेलमेंट पहनने के चलते बचाव हो गया। फिर उन्होंने बाजू पर कट मारा। जिसके बाद उससे पर्स, कैश व मोबाइल छीन लिया। यहां तक कि जान से मार देने की धमकी देकर मोबाइल का पासवर्ड भी ले लिया। जिसके बाद बदमाश वहां से फरार हो गए।
गेट खटखटाता रहा, चौकी मुलाजिमों ने नहीं खोला
पीड़ित अनुसार वारदात के बाद उसने वहां से गुजर रहे एक युवक को रोककर अपने दोस्त को फोन किया। उसे वारदात स्थल को लगते थाने का पता नहीं था। जिसके चलते वह दोस्त के साथ पहले आत्म पार्क चौकी चला गया। वहां कई बार गेट खटखटाने के बावजूद पुलिस ने दरवाजा नहीं खोला। फिर वह थाना डिवीजन नंबर छह पहुंचा। वहां तड़के तीन बजे शिकायत दी।
सुबह थाने बुलाकर शाम को भेजते थे मुलाजिम
पीड़ित शुभम ने कहा कि वह सराभा नगर के एक रेस्त्रां में नौकरी करता था। वारदात के बाद शिकायत देने पर उसे अगली सुबह थाने बुलाया गया। तब जांच अफसर एएसआई रणवीर सिंह के न मिलने पर दूसरे दिन बुलाया। शुभम का आरोप है कि उसे मुलाजिमों द्वारा जांच की बात कह सुबह थाने बुलाकर शाम को वापिस भेजा जाता था। एक हफ्ता इसी तरह चलता रहा, जिस कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
खुद ही ढूंढी सीसीटीवी फुटेज
पीड़ित का आरोप है कि वह मुलाजिमों को मौके पर जाकर सीसीटीवी कैमरे खंगाले को कहता रहा। लेकिन उल्ट उसे ही वारदात का प्रूफ लाने की बात कह दी गई। जिसके चलते वे मौके पर गया और वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज लेकर आया। जिसमें बदमाश वारदात करते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं। शुभम का आरोप है कि सभी प्रूफ देने के बावजूद भी उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। जबकि जांच अफसर का कहना है कि वह शिकायत पर ही मोबाइल ट्रेसिंग पर लगा देंगे। जिसके चलते दो दिन पहले ही उसका मोबाइल ट्रेसिंग पर लगाया है।
मेरे पास नहीं आई शिकायत
एएसआई रणवीर सिंह का कहना है कि मेरे पास ऐसी किसी भी वारदात की कोई शिकायत नहीं आई है। बेशक थाने में शिकायत आई होगी, लेकिन कोई व्यक्ति मुझसे इस मामले संबंधी नहीं मिला है।
हर वारदात को किया जा रहा ट्रेस
एडीसीपी-2 देव सिंह का कहना है कि पुलिस द्वारा क्राइम कंट्रोल किया जा रहा है। अगर कोई वारदात हुई है तो उसे ट्रेस भी कर लिया जा रहा है। इस लूट की वारदात की जानकारी नहीं है। पीड़ित को बुलाकर जांच कर इंसाफ दिलाया जाएगा।