watch-tv

आप के बचे बाकी पांच उम्मीदवारों का  ऐलान हो जाएगा आने वाले 5 दिनों में

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

सीएम मान के ताजा ट्विट से लुधियाना समेत बाकी इलाकों में फिर जारी सियासी हलचल

लुधियाना 21 मार्च। पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान करने के मामले में यूं तो आम आदमी पार्टी तेजी दिखा रही है। उसके आठ उम्मीदावारों की पहली सूची जारी हो चुकी है। अब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को ट्विट कर खुलासा किया कि आने वाले पांच दिनों में बाकी बचे पांचों उम्मीदवारों का भी ऐलान कर दिया जाएगा।

केबीसी यानि कौन बनेगा कैंडिडेंट ? सीएम मान के इस खुलासे के साथ ही फिर से सियासी हलचल शुरु हो गई है। आप से टिकट के दावेदारों, उनके समर्थकों और बाकी राजनीतिक दलों की निगाह भी इधर लगी है। कोई कयास लगा रहा है कि बाकी सीटों पर भी पार्टी, राज्य सरकार में शामिल दो या तीन मंत्रियों को भी इस चुनावी-जंग में झोंका जाएगा। वहीं कई दावेदारों के समर्थक मान रहे हैं कि पार्टी के कुछ पुराने वफादारों को कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट में एडजस्ट किया जाएगा। ताकि संतुलन बनाए रखने के साथ वफादारी का इनाम पाने की आस लगाए नेताओं व उनके सपोर्टर्स को खुश किया जाएगा।

दूसरी पार्टियों से आए नेता भी बनेंगे उम्मीदवार : आप की मौजूदा सियासी-हालत और उसकी रणनीतिक से वाकिफ जानकारों का कुछ और ही मानना है। उनकी मानें तो दूसरी पार्टियों में सेंधमारी कर लाए दो या तीन नेताओं को आप बाकी पांच सीटों पर चुनाव में उतार सकती है। खासकर लुधियाना सीट को तो पांच दिन बाद वाली सूची में होल्ड भी किया जा सकता है। दरअसल इस सीट पर बाकी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। मसलन, गठजोड़ न होने की सूरत में यहां से शिअद और भाजपा के प्रत्याशी भी मैदान में होंगे। जबकि कांग्रेस की सूची भी अभी तक नहीं आई है। कांग्रेस और भाजपा ने अगर बड़े चेहरे इस सीट से उतारे तो आप को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है।

आप सुप्रीमों से मिल गई हरी-झंडी ! सूत्रों की मानें तो पंजाब में आप के बाकी पांच उम्मीदवारों को लेकर पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से हरी झंडी मिल चुकी है। इन उम्मीदवारों के नाम कमोबेश फाइनल हैं, तभी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बाबत ट्विट किया है। हालांकि उम्मीदवार कौन-कौन हैं, यह आने वाले पांच दिनों में पॉल्टिकल-डेवलपमेंट के मद्देनजर बेहद कांफीडेंशियल मामला रहेगा। ताकि सूची में ऐलान से ठीक पहले फेरबदल करना भी पड़े तो इसका कोई साइड-इफैक्ट नजर न आए।

————-

Leave a Comment