चंडीगढ़, 8 सितंबर
पंजाब सरकार ने विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हज़ारों गाँवों के लाखों लोगों को तत्काल राहत पहुँचाने के प्रयास और तेज़ कर दिए हैं। जान-माल की सुरक्षा के लिए, मंत्रियों, विधायकों, स्वयंसेवकों और ज़िला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से बड़े पैमाने पर समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज नंगल से “ऑपरेशन राहत” की शुरुआत की। यह दस दिवसीय अभियान बाढ़ प्रभावित परिवारों के राहत और पुनर्वास के लिए समर्पित है। उन्होंने सरसा नंगल स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से “आओ अपने पिंड दा सरकारी स्कूल साफ़ करें” अभियान का भी उद्घाटन किया और ग्राम पंचायतों, युवा क्लबों और स्कूल प्रबंधन समितियों से इस स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
मंत्री ने कहा कि पिछले कई दिनों से बाढ़ के कारण पंजाब भर में लगभग 20,000 सरकारी स्कूल बंद हैं। अब इन स्कूलों को सफाई के लिए खोल दिया गया है और 9 सितंबर से ये स्कूल छात्रों के लिए फिर से खुलेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई इमारत असुरक्षित पाई जाती है, तो इसकी सूचना तुरंत उपायुक्त, एसडीएम या संबंधित इंजीनियरिंग विंग को दी जाए।
मंत्री बैंस ने आगे घोषणा की कि उनका परिवार व्यक्तिगत रूप से बाढ़ राहत के लिए ₹5 लाख का योगदान देगा और 50 क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत का काम करेगा। उन्होंने आगे बताया कि आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवकों की टीमें गाँवों में लोगों और पशुओं के लिए घर-घर जाकर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए भेजी गई हैं।
जलालाबाद में, विधायक जगदीप कंबोज गोल्डी ने गाँव जोधा भैणी में पशु चारा वितरित किया। उन्होंने क्षतिग्रस्त फसलों और घरों के लिए मुआवज़ा बढ़ाने और बाढ़ के कारण अपनी ज़मीन पर जमा रेत को रखने और बेचने का अधिकार किसानों को देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से किसानों को फ़ायदा होगा और सरकार घरों के नुकसान का भी मुआवज़ा देगी, जिसकी गिरदावरी का आदेश पहले ही दे दिया गया है।
फाजिल्का में, विधायक नरिंदरपाल सिंह सवाना ने महातम गाँव के निवासियों को राहत सामग्री पहुँचाने के लिए एक नई नाव उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा, “इस मुश्किल घड़ी में, मैं अपने लोगों के साथ मजबूती से खड़ा हूँ।”
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के निर्देश पर, फाज़िल्का स्वास्थ्य विभाग ने सर्पदंश की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष सलाह जारी की है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार और सहायक सिविल सर्जन डॉ. रोहित गोयल ने लोगों को सर्पदंश के शिकार लोगों को तुरंत सरकारी अस्पतालों में ले जाने की सलाह दी, जहाँ मुफ़्त इलाज उपलब्ध है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि घबराने की ज़रूरत नहीं है और निवासियों को याद दिलाया कि हेल्पलाइन 108 के ज़रिए एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध है। उपायुक्त अमरप्रीत कौर संधू ने बताया कि अब तक ज़िले में 10,874 राशन किट और 5,890 पशु आहार के बैग बाँटे जा चुके हैं और 4,235 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है।
होशियारपुर से उपायुक्त एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी की अध्यक्ष आशिका जैन ने बताया कि सरकारी प्रयासों के साथ-साथ कई गैर सरकारी संगठन, कंपनियां और परोपकारी लोग भी बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं।