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परम कल्याण का मार्ग गुरु पुर्णिमा के दिन परम पिता परमेश्वर का ही पूजन – सन्त अश्वनी बेदी महाराज

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लुधियाना 21 जुलाई : गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में विशाल सत्संग का आयोजन संत अश्वनी बेदी जी महाराज की अध्यक्षता में शहंशाह पैलेस में किया गया । आरम्भ में मां रेखा बेदी, संयम भल्ला, आशिमा बेदी, ने अमृतवाणी का पाठ, भजन एवं राम ध्वनि से सारा वातावरण राममय बना दिया ।

इस अवसर पर श्री रामशरणम् शिमला, यमुनानगर, पटियाला, अमृतसर, करनाल, जम्मू, सोलन, पालमपुर, धर्मशाला, पंचकुला, चण्ड़ीगढ़, अंबाला, गुड़गांव, दिल्ली से साधक के अतिरक्त अमैरिका, स्वीडन, बैलजीयम, से साधक विशेष तौर पर सम्मिलित हुए । इस मौके पर संत बेदी जी कहा कि गुरुदेव परम पूज्य श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज में गुरु
जैसा गौरव नहीं था उन्होनें अपने सम्मुख साधकों को यही कहा कि गुरु तो रास्ता दिखाने वाला होता है तब गुरुदेव ने वर्णन किया हमारा परम लक्ष्य सर्व शक्मिान एकैव अद्वितीय परम पुरुष दयामय दयालु देवाधिदेव श्रीराम प्राप्ती हैः वह परम गुरु हैं: उस परम गुरु का पुण्य प्रतीक परम पावन श्रीराम-नाम है: इसका कीर्तन, जप, पाठ आराधना वही परम गुरु की पर्व के दिन पूजा है: इस पूजा से पाप का नाश होता है: जीवन पवित्र बनता है । आत्म-शक्ति जग जाती है और हदय में सद्भाव आप ही आप स्फुरित होने लगा करते हैं । अपने परम कल्याण का मार्ग गुरु पुर्णिमा के दिन परम पिता परमेश्वर का ही पूजन है । इसको बड़े भाव चाव से करना चाहिए ।

संत अश्वनी बेदी जी ने कहा गुरुदेव की वाणी है कि राम मंत्र ग्रहण करके फिर अन्यत्र भटकने की आवश्यकता नहीं है । गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता । अगर विश्वास ना हो तो ब्रह्मा जी से पूछो जो संसार के रचयिता हैं, नारद जी से पूछो जिन को भगवान का मन माना जाता है, वेदव्यास से पूछो जो वेदों के रचयिता हैं । यदि मनुष्य को सच्चे गुरु का सहारा मिल जाए तो वह ज्ञान को प्राप्त करता है । राम नाम जाप के प्रभाव से श्रीराम साधक को मिलते हैं । इसीलिए कहा है कि सद्गुरु ही परमात्मा श्रीराम को मिलने का एकमात्र साधन है ।

संत अश्वनी बेदी जी महाराज ने कहा कि ”भक्तिप्राश“ ग्रंथ में उपदेश है कि भगवद भक्त सारे कर्म करे और बड़ी तत्परता से करे, कर्म क्षेत्र में विथरता हुआ विवेकी जन राम द्वेष की ग्रंथी से सदा बचा रहे, ऐसा मनुष्य सदा वैराग्यवान समझा गया है ।

राम-मय वातार्वण में उपसथित हजारों साधकों ने पंक्तीयों में गुरुदेव को पुष्प अर्पण किए । यह मनोमोहक समागम दर्शनीय था । अद्भुत सजी हुई सटेज़ पर गुरुदेव के सवरुप की आरती उतारते हुए सन्त अश्वनी बेदी जी महाराज ने उचारण किया गुरुदेव तेरी आरती महाराज तेरी आरती । परम गुरु जय जय राम से सारा हाल गूंज उठा ।

इस अवसर पर विशेष रुप से उपस्थित
चेतन प्रकाश , रेणु प्रकाश , शशि भल्ला , पंकज भल्ला , उत्सव परकश , सुदर्शन जैन , सुमन जैन , निधि गुप्ता , सुनील मेहरा , राशि अग्रवाल ,
पंजकुला से: श्रुति थापर , साधना तुली , आदित्य थापर, श्रुति थापर, अराधना अग्रवाल, सोनिया कालिया,
शिमला से: रमन सेठी, सनेह सुद, प्रताप ग्रोवर, रजिन्द्र शर्मा, कुलभूषण शर्मा,
पटियाला से: अजय बांसल, अर्दश बांसल, संजीव जैन, मनु मलहोत्रा,
यमुनानगर सेः रमनीक कुमार, संजय गर्ग,
अमृतसर से: बृजेश बेदी, बाबा समर बेदी, मन्जू प्रभाकर, प्रिया बेदी,
दिल्ली से: संतोष कोहली, निधि सूद , वसुधा सूद ,
अमेरिका से: अनिरुद्ध गुप्ता, मीरा गुप्ता, सुमित गुप्ता
स्वीडन से: सुभाष सरीन, सर्वण सरीन, अंजू मलिक, गुलशन मलिक, सुनिता मलिक
बिहार से: राजेश कुमार एवं साथी ।

इस अवसर पर श्री शिव प्रसाद मित्तल, राज मित्तल, उमा मित्तल, MLA गुरप्रीत गोगी , टीटू पायलट , गुलाब राय पायलट , जीवन गुप्ता , रमेश्वर गुप्ता, राज गुप्ता, बृजेश गुप्ता, पवन खरबंदा, राजन कपूर, अंजू कपूर, मंजू गुप्ता, शशी गुप्ता, बृजेश गुप्ता, रमेशवर गुप्ता, राज गुप्ता, अथित्य सहगल, सुमती जिंदल, प्रेश चडडा, राशी चडडा, दिपाली सहगल उत्सव प्रकाश, बहार प्रकाश, पंकज भल्ला, वरिन्द्र जैन, पलवी धवन, हिमानशु धवन, अदिति धवन, मीनु खेरा, डा. नीलम खोसला, शशी भल्ला, कनुप्रिया बजाज, मधु बजाज, विजय बजाज, वीना सोनी, शवेता सैनन, सुमित घई, नीलम घई, प्रिया, सुचिता दुग्गल, निलम दुग्गल, सागर दुग्गल, शुभम, सुनिधी, सोनिया तिवारी, अदिती सिंगला, रशमी सहित हजारें की संख्या में साधक उपसथित हुए । प्रसाद वितरण पर सतीश गुप्ता, विजय गुप्ता, रमेश चंद्र, अमन गम्भीर, हरीश कुमार, संदीप सूद, राजन शर्मा, राहुल शर्मा, गरीश शर्मा, संजीव धवन, जवाहर लाल सुदा, आदि सेवकों नें सेवा की ।

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