जाखड़ के पंजाब प्रधान रहते बीजेपी ने अश्वनी शर्मा को कार्यकारी प्रदेश प्रधान बनाकर दिए नए संकेत
लुधियाना, 15 जुलाई। पंजाब की विरासती-राजनीति पिछले कई सालों से नई करवट ले रही हैं। मसलन, पंथक-राजनीतिक के झंडाबरदार शिरोमणि अकाली बादल ने सूबे में विधानसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी से गठजोड़ किया था। बसपा ने ही देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में दलित-मुस्लिम गठजोड़ के नाम पर नई ‘सोशल-इंजीनियरिंग’ की थी। खैर, पंजाब में अकालियों का सियासी-प्रयोग तो नाकाम रहा था। वहीं, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में खुद को ‘तीसरे विकल्प’ बतौर पेश किया था। उसने कांग्रेसियों और अकाली-बीजेपी गठजोड़ के बीच अघोषित बारी-बारी ‘सत्ता-सभालो’ वाले समीकारण बिगाड़ पिछले विस चुनाव में खुद सरकार बना ली थी। अब एक बार फिर पंजाब की सियासत नई करवट ले रही है। ऐसे में सियासी- जानकार मान रहे हैं कि साल 2027 के विस चुनाव में सभी प्रमुख राजनीतिक दल हिंदू सीएम फेस मैदान में उतार सकते हैं।
बीजेपी के नए राजनीतिक-प्रयोग से चर्चाएं तेज :
कांग्रेस से भाजपा में आए पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मौजूदा केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू प्रमुख रहे। इनके साथ ही पार्टी में आने वाले पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ भी एक बड़ा सियासी-चेहरा था। जिनको पंजाब भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। हाल ही में पार्टी ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया। पहले तीन बार प्रदेश अध्यक्ष रहे अश्वनी शर्मा को अब पंजाब भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया है। सियासी-जानकारों की नजर में हिंदुत्व की बात करने वाली बीजेपी अब पंजाब में तेजी से हिंदू समाज पर भी फोकस करेगी। यह उसी रणनीति का हिस्सा है। जाखड़ के पार्टी में होने के बावजूद अश्वनी शर्मा अगले विस चुनाव में पार्टी का ‘सीएम-फेस’ बनाए जाएं तो कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी।
कांग्रेस वड़िंग के अलावा तिवारी पर कर सकती है विचार !
अगले विस चुनाव को लेकर पंजाब कांग्रेस भी बड़ा दांव खेल सकती है। पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अब भले ही पगड़ी धारण करते हैं, लेकिन पहले उनकी पहचान सिक्खों के अलावा हिंदू समाज में भी ‘कॉमन-लीडर’ के तौर पर रही है। सियासी जानकारों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान एक और बड़े विकल्प पर विचार कर सकता है। लुधियाना के सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे मनीष तिवारी भी पंजाब के हिंदू-समाज में एक बड़ा चेहरा हैं। उनके माता-पिता और बुजुर्गों का पंजाब से गहरा जज्बाती रिश्ता रहा है।
आप में अमन अरोड़ा भी बड़ा विकल्प :
सूबे की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को लेकर भी सियासी-जानकार अलग ही नजरिया रखते हैं। उनके मुताबिक सिख समाज से ताल्लुक रखने वाले भगवंत सिंह मान पंजाब के सीएम हैं। वहीं, दूसरी तरफ पार्टी ने राज्य के मंत्री अमन अरोड़ा को पंजाब में पार्टी का प्रदेश प्रधान बना एक बड़ा राजनैतिक विकल्प भी तैयार किया था। अगले विस चुनाव में विपक्षी दलों ने अगर ‘हिंदुत्व’ वाला सियासी-कार्ड चला तो अरोड़ा उसके पास बड़ा विकल्प हो सकते हैं।
शिअद के पास भी है जोशी :
रही बात, शिरोमणि अकाली दल-बादल की तो जानकार मानते हैं कि फिलहाल उसके सामने अपना सियासी-वजूद बचाने की चुनौती है। ऐसे में अगर अगले विधानसभा चुनाव में दूसरी पार्टियों ने हिंदू वोट-बैंक पर फोकस किया तो शिअद भी नया दांव खेल सकता है। कभी बीजेपी में आक्रमक नेता व सूबे के मंत्री रहे अनिल जोशी फिर से शिअद में आ चुके हैं। अगले विस चुनाव में जरुरत पड़ने पर उनको पार्टी सीएम-फेस बना सकती है।
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