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लैंटर डालने को स्टूडेंट्स से 4 दिन उठाई जा रही रेत की बोरियां, पार्षद की डीसी को शिकायत, मंत्री ने मैनेजर डिसमिस-प्रिंसिपल किया सस्पैंड

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बाल मजदूरी तले दबी शिक्षा : लुधियाना के स्कूल ऑफ एमिनेंस में करवाई जा रही बाल मजदूरी

लुधियाना 24 जनवरी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की मान सरकार द्वारा राज्य में स्कूल ऑफ एमिनेंस बनाए गए, ताकि बच्चों को अच्छी व उच्च शिक्षा मिल सके। लेकिन दूसरी तरफ इन्हीं स्कूल ऑफ एमिनेंस में सरेआम बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जा रही है। ताजा मामला लुधियाना के जवाहर नगर कैंप स्थित मिड्‌ढा चौक का सामने आया है। जहां पर स्कूल ऑफ एमिनेंस लड़कों में बाथरूम का लैंटर डालने के लिए स्टूडेंट्स से बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। हालांकि यह बाल मजदूरी एक दिन नहीं बल्कि कई दिनों से लगातार जारी थी। लेकिन स्कूल स्टॉफ द्वारा मामले को दबाए रखा गया। बाल मजदूरी की वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद इसका खुलासा हुआ। जिसके बाद वार्ड पार्षद कपिल कुमार सोनू द्वारा मामले संबंधी डीसी को शिकायत दी गई। जिसके बाद शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा स्कूल मैनेजर को डिसमिस कर दिया गया। जबकि प्रिंसिपल कुलदीप सिंह को सस्पैंड कर दिया है।

स्कूल स्टॉफ खुद पास खड़े होकर कराता था काम
वहीं इस दौरान स्कूल के एक स्टूडेंट ने बताया कि स्कूल में दो बाथरूमों का लैंटर डाला जा रहा है। जिसके लिए बच्चों से रेत की भरी बोरियां उठवाई जा रही थी। जबकि यह काम एक नहीं बल्कि कई दिनों से चल रहा था। स्कूल स्टॉफ के कुछ सदस्य खुद पास खड़े होकर काम करवाते रहे। जबकि यह वीडियो में भी साफ दिखाई दे रहा है।

पैसे हड़पने को करवा रहे थे स्टूडेंट्स के काम
स्कूल में सरकार द्वारा दो बाथरूम बनाने को ग्रांट पास की थी। बकायदा मिस्त्री से लेकर लेबर तक पर होने वाले खर्चे को भी भेजा गया। चर्चा है कि स्कूल प्रिंसिपल, मैनेजर से लेकर स्टॉफ तक द्वारा लेबर के पैसों में हेरफेर की जानी थी। इसी लिए लेबर कम लगवाई गई। उनकी जगह बच्चों से काम करवाया जा रहा था। चर्चा है कि स्कूल में कई और ऐसे काम भी हुए हैं, जिनकी ग्रांट में स्कूल स्टॉफ द्वारा अपनी जेबें गर्म की है।

शिक्षा विभाग करता रहा जांच, मंत्री ने एक्शन भी ले लिया
वहीं बात करें लुधियाना के शिक्षा विभाग की तो उनकी तरफ से स्कूलों पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। जिसके चलते ऐसी घटनाएं हो रही हैं। हालांकि इस वीडियो के वायरल होने के बाद भी जिला शिक्षा अफसर द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया। विभाग अभी मामले की जांच कर रहा है और और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा एक्शन भी ले लिया गया।

प्रिंसिपल ने दबाए रखा था मामला
वहीं चर्चा है कि यह बाल मजदूरी प्रिंसिपल, मैनेजर से लेकर सभी स्टॉफ की सहमति के साथ हो रही थी। इसी लिए किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया। हालांकि प्रिंसिपल द्वारा वैसे तो मामले को दबाए रखा गया। लेकिन जब वीडियो वायरल हुई तो प्रिंसिपल द्वारा भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें पता ही नहीं कि आखिर कौन ऐसे बाल मजदूरी करवा रहा है। जबकि यह अवैध कार्य पिछले कई दिनों से लगातार जारी था। ऐसे में या तो प्रिंसिपल स्कूल ही नहीं आते, जिस कारण उन्हें पता नहीं लगा और या फिर वह खुद को सेफ करने में लगे थे।

बच्चों का आत्म निर्भर होना भी जरुरी – प्रिंसिपल
वहीं स्कूल प्रिंसिपल कुलदीप सिंह ने कहा कि मीडिया के जरिए मामला उनके ध्यान में आया है। शिक्षा विभाग द्वारा एक्वायंरी की जा रही है और वह अपने सत्र पर भी जांच कर रहे कि आखिर किन लोगों द्वारा बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। बच्चों का आत्म निर्भर होना भी जरुरी है, लेकिन बाल मजदूरी कराना गलत है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा – पार्षद
पार्षद कपिल कुमार सोनू ने कहा कि जवाहर नगर कैंप एरिया में लेबर ज्यादा है। उन्हीं के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। ऐसे में उनकी पढ़ाई छुड़वाकर मजदूरी कराई जाएगी, तो उनका भविष्य अच्छा कैसे हो सकेगा। इस मामले में डीसी को मांग पत्र देकर उच्च कार्रवाई करने की मांग की गई है। ऐसे अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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