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उद्योग-जगत की नजर, जीएसटी काउंसिल की सिफारिशें, कितनी हकीकत और कितना दिखावा, है अभी इंतजार

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एक्सपर्ट से लेकर उद्यमी तक फिलहाल मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दे रहे, नोटिफिकेशन का करेंगे इंतजार

लुधियाना 10 सितंबर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 54वीं मीटिंग निपट गई। जिसमें हेल्थ इश्योरेंस प्रीमियम, कैंसर की दवा और नमकीन पर ब्याज दरों में छूट सहित कई अहम ऐलान किए गए। इस मीटिंग में वित्त मंत्रालय के प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ कई राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल थे। इनमें जीएसटी कौंसिल ने जो सिफारिशें कीं, उनको लेकर एक्सपर्ट और उद्यमी मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उनके मुताबिक फिलहाल नोटिफिकेशन होने तक इंतजार करने की जरुरत है।

एक्सपर्ट व्यू—-

महानगर के नामी सीए राजीव शर्मा के मुताबिक फिलहाल तक उन्होंने जीएसटी काउंसिल की कुछ सिफारिशों का जायजा लिया है। जिसमें से कार और मोटर साइकिल को लेकर जीएसटी काउंसिल की सिफारिश अहम है। इसमें कहा गया कि स्पष्ट किया जाए कि वर्तमान में, कार सीटें 9401 के तहत वर्गीकृत हैं और उन पर 18% की जीएसटी दर लगती है। साथ ही 9401 के तहत वर्गीकृत कार सीटों पर जीएसटी दर 18% से बढ़ाकर 28% की जाएगी। तीसरे 28% की यह समान दर मोटर कारों की कार सीटों के लिए संभावित रूप से लागू होगी। ताकि मोटरसाइकिलों की सीटों के साथ समानता लाई जा सके। जिन पर पहले से ही 28% की जीएसटी दर लगती है। चौथे इस दर में यह वृद्धि संभावित होगी (दर में बदलाव से पहले की गई आपूर्ति पर 18% कर लगेगा)। पांचवा पहलू है कि 18% से 28% तक की बढ़ोतरी भविष्य में नोटिफिकेशन जारी करके होगी। कुल मिलाकर कहें तो कैटेगरी स्पष्ट होने से कारोबारियों को फायदा होगा।

इसी तरह, अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा पंजीकृत व्यक्ति को धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) शुरू किया जाएगा। बशर्ते कि आपूर्तिकर्ता को सीमा सीमा (पंजाब में 40 लाख रुपये की स्थानीय बिक्री) पार करने पर पंजीकरण लेना होगा और प्राप्तकर्ता उत्तरदायी होगा। आरसीएम के तहत भुगतान करने पर कर का भुगतान करना होगा, भले ही आपूर्तिकर्ता सीमा के अंतर्गत हो। बी-टू-बी आपूर्ति में पंजीकृत व्यक्ति द्वारा धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर 2% का टीडीएस लागू होगा। हालांकि 40 लाख की बिक्री लिमिट को बढ़ाकर एक करोड़ करना चाहिए। कुल मिलाकर स्क्रैप चोरी रुकने और फर्जी बिल पर रोक से कारोबारी खुलकर काम करेंगे। केंद्र व राज्य सरकारों को डिस्प्यूट खत्म होने पर ज्यादा रेवेन्यू हासिल होगा।

कारोबारियों की प्रतिक्रियाएं—-

–ज्यूलर्स एसोसिएशन के महासचिव मनोज ढांडा जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों को लेकर उत्साहित नहीं दिखे। उनके मुताबिक आरसीएम कोई फायदेमंद नहीं है। अभी बहुत रिफार्म करने की जरुरत है। जीएसटी को जितना सरल किया जाएगा, उतना ज्यादा रेवेन्यू सरकार को मिलेगा।

–ज्यूलरी कारोबारी प्रदीप मित्तल ने जीएसटी की सिफारिशों को लेकर कहा कि उन्होंने अभी इनको गंभीरता से देखा-समझा नहीं है। नोटिफिकेशन के बाद चीजें साफ होंगी।

— आल इंडिया इंडक्शन फर्नेंस एसोसिएशन के पूर्व प्रधान संदीप जैन ने साफ कहा कि अभी इसे लेकर अभी अपडेट नहीं हैं। नोटिफिकेशन से स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।

–नार्थ इंडिया इंडक्शन फर्नेंस एसोसिएशन के प्रधान केके गर्ग ने बेबाकी से तीखी प्रतिक्रिया जताई कि जीएसटी की सिफारिशों में स्पष्टता नहीं है। इससे इंडस्ट्री का भला नहीं होने वाला है। उद्योग-जगत इनसे संतुष्ट नहीं है, इन सिफारिशों को अटपटे मन से रखा गया है।

–कार सीट कारोबारी राघव संजर ने भी साफ कहा कि वह अभी जीएसटी की सिफारिशों को लेकर अपडेट नहीं हैं। नोटिफिकेशन के बाद ही कुछ कहा –जा सकता है।

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