गुरदेव नगर में करोड़ों की सरकारी प्रॉपर्टी पर हो रहे कब्जे का मामला
लुधियाना 13 नवंबर। गुरदेव नगर में पानी वाली टंकी के पास करोड़ों रुपए की सरकारी प्रॉपर्टी पर सरेआम कब्जा किया जा रहा है। लेकिन नगर निगम इसे रोकने की जगह उल्ट अवैध निर्माण कराने पर जोर दे रहा है। निगम द्वारा उक्त निर्माणाधीन बिल्डिंग पर कार्रवाई करते हुए एक हिस्सा गिरा दिया, जबकि उस पर एटीपी मोहन सिंह द्वारा यह कहकर बाकी का हिस्सा छोड़ दिया कि उक्त जमीन किसी की रिहाएश है। इस करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर अब इलाका निवासी, विपक्ष व सत्ताधारी आमने सामने हो चुके हैं। एक तरफ इलाका निवासियों का आरोप है कि गुरदेव नगर की उक्त 1600 गज की करीब 20 करोड़ की जमीन पर निगम का पार्क है। लेकिन निगम अधिकारियों के साथ सेटिंग करके उक्त जगह को कब्जाने की कोशिश की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ पूर्व पार्षद नरिंदर शर्मा काला का कहना है कि इस जगह पर पहले भी कब्जे होने से रोके गए हैं। जबकि गुरदेव नगर की पूर्व पार्षद व आप नेता अमृत वर्षा रामपाल द्वारा भी इस पार्क पर कब्जा होने के लिए निगम हाउस में डाले मते को रोका गया था। वहीं मौजूदा आप विधायक गुरप्रीत गोगी को इस अवैध कब्जे के मामले की जांच के लिए समय ही नहीं मिल सका। अब देखना होगा कि इलाका निवासियों के सामने आकर खड़ी हुई इस मुश्किल में सरकार द्वारा एक्शन लिया जाता है या नहीं।
सरकारी तंत्र मामले को घूमाने में लगा
वहीं चर्चा यह भी है कि सरकारी तंत्र पूरे मामले को घूमाने में लगा है। जिसके चलते राजनेताओं को यह ही नहीं पता चल पा रहा कि आखिर असल सच क्या है। जबकि निगम बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों द्वारा बताई बात को ही राजनेता सच मानकर आगे चल रहे हैं। इलाका निवासियों का आरोप है कि अगर कंस्ट्रक्शन करने वाला व्यक्ति असली मालिक है तो वह प्रॉपर्टी के दस्तावेज सामने लेकर आए। जिसकी बकायदा जांच हो। जिससे सच सामने भी आ जाएगा। चर्चा है कि उक्त जमीन पर निगम अफसरों द्वारा कब्जा कराया जाना था, इसी लिए इतने सालों से वहां पार्क नहीं बनाया था।
20 साल बाद कंस्ट्रक्शन की आई याद
वहीं इकाला निवासी विक्रम दत्त कपूर का कहना है कि यह पार्क निगम की टाउन प्लानिंग स्कीम-2 का हिस्सा है। 20 साल से भी अधिक जगह से यह जगह खाली पड़ी है, जो निगम का पार्क है। लेकिन अब अचानक यहां कंस्ट्रक्शन शुरु हो गई। विक्रम दत्त कपूर का कहना है कि यह लोकेशन काफी प्राइम है, अगर यह जमीन सच में पहले से किसी और की होती तो इतनी महंगी जमीन पर पहले ही कंस्ट्रक्शन हो गई होती। लेकिन 20 साल बीतने के बाद अब कंस्ट्रक्शन शुरु हुई, क्योंकि अब जाकर सेटिंग हुई होगी।
पुरानी सरकारों ने खराब किया शहर का नक्शा
इलाका निवासी विक्रम दत्त कपूर का आरोप है कि इस जमीन को कब्जाने के लिए पहले भी कई कोशिशें हुई। पुरानी सरकारों को राजनेताओं द्वारा खुद ही अपने करीबियों की कमेटियां बना ली और उन्हीं से मते डलवाकर जमीन पर कब्जे की कोशिश की थी। लेकिन वे सफल नहीं हो सके। लेकिन अब आप सरकार आने के बाद फिर से कब्जा शुरु हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी सरकारों ने अवैध कब्जे करके शहर का नक्शा खराब कर दिया। अब वहीं कब्जे आप सरकार के दौर में पूरे किए जा रहे हैं।
पहले कब्जे की हुई कोशिश, 6 महीने पहले दो हिस्सों में बांटा
पूर्व पार्षद नरिंदर शर्मा काला ने बताया कि उक्त जमीन निगम रिकॉर्ड में पार्क है। जिस पर पहले भी कब्जे की कोशिश हुई थी, लेकिन उन्होंने इसे रुकवाया था। मगर अब पता चला है कि छह महीने पहले उक्त जमीन को दो हिस्सों में बांट दिया है। अब दोबारा से आप सरकार में अवैध कब्जा करने के लिए निर्माण कराया जा रहा है। पूर्व पार्षद नरिंदर काला के अनुसार पहले उक्त जमीन पर लोग कुड़ा फेंकते थे, जिसकी बकायदा सफाई भी करवाई जाती थी।
निगम हाउस में मता कराया था रिजेक्ट
वहीं गुरदेव नगर की पूर्व पार्षद व आप नेता अमृत वर्षा रामपाल की और से अपनी ईमानदार छवि के चलते निगम में मता पास नहीं होने दिया था। अमृत वर्षा रामपाल का कहना है कि यह जमीन निगम का पार्क है। पहले इस पार्क को दबाने के लिए प्रयास हुए। कुछ नेताओं द्वारा निगम हाउस में मता भी डाला था। लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया और मता रोका गया था। यहां तक कि इलाके के और कई पार्कों पर भी अवैध कब्जे होने से रोके गए थे।
करोड़ों की जमीन पर हो रहा कब्जा, नेता के पास समय नहीं
इस संबंध में हलका वेस्ट के विधायक गुरप्रीत गोगी का कहना है कि मामला उनके ध्यान में है, लेकिन वह इसके दस्तावेज चैक नहीं करवा सके। शनिवार व रविवार छुट्टी होने के चलते निगम ऑफिस बंद था। बुधवार को भी वह चंडीगढ़ मीटिंग में है। जबकि विधायक गोगी ने कहा कि वह चुनाव में भी व्यस्त रहेगें और 20 तारीख के बाद फ्री होकर इसकी जांच करवाएंगे। विधायक अनुसार अगर जमीन पर अवैध कब्जा हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
मामले की होगी जांच
वहीं गुरदेव नगर से पार्षद चुनाव के दावेदार व आप नेता मनु जैरथ का कहना है कि उन्हें मामले का पता है। लेकिन अभी इसकी जांच नहीं करवाई गई। उनके पास इलाके के लोगों ने भी आकर शिकायत नहीं की है। मगर वे दो साल लगातार इस प्लॉट की सफाई कराते रहे हैं। आप सरकार में अवैध कब्जे नहीं होने दिए जाएंगे। इसकी जांच की जाएगी, अगर कही घोटाला हुआ तो एक्शन होगा।
चर्चा, राजनेता के नजदीकी को दी है जमीन
वहीं लोगों में चर्चा है कि उक्त जमीन एक राजनेता के करीबी को दी गई है। इसी के चलते निगम अफसर भी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। वहीं चर्चा है कि राजनीतिक दबाव व अफसरों के साथ सेटिंग के चलते सरकारी जमीन को प्राइवेट बताकर कब्जा किया गया है। वहीं एटीपी मोहन सिंह का कहना है कि उक्त जमीन का नक्शा पास है। लेकिन नक्शे से अलग कंस्ट्रक्शन की जा रही थी। इसी के चलते उक्त हिस्सा गिराया गया है।