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सरकारी प्रॉपर्टी के मते पास करने की निगम के पास नहीं है पॉवर, अपनी जेब भरने को झूठे मते डालते है राजनेता और अफसर

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गुरदेव नगर की सरकारी प्रॉपर्टी कब्जाने के मामले में एडवोकेट सिद्धू ने निगम को समझाया कानून

लुधियाना 15 नवंबर। गुरदेव नगर में पानी वाली टंकी के पास नगर निगम की करोड़ों रुपए की पार्क की जमीन पर अवैध तरीके से कंस्ट्रक्शन करने का मामला लगातार तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में बीजेपी के सीनियर लीडर, समाजसेवी और सीनियर एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू की और से बड़े खुलासे किए गए हैं। उनकी और से गुरदेव नगर इलाका के लोगों को उक्त जमीन के मते और नक्शे पास होने की बातों में उलझा रहे राजनेताओं और निगम व बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों को कानून समझाया। बिक्रम सिद्धू ने कहा कि नगर निगम और राजनेता आखिर होते कौन है, जो किसी पार्क को मते डालकर प्राइवेट बनाकर बेच डाले। सिद्धू ने कहा कि नगर निगम के पास मते पास करने की पॉवर ही नहीं है। यह सिर्फ लोगों की आंखों में धुल डालने के लिए साजिश रची जा रही है। असलियत में एक बार नगर निगम के प्लानिंग में जो पार्क, रिहायशी एरिया घोषित हो गया, उसे न तो नगर निगम बदल सकता है  और न ही कोई राजनेता आपसी सेटिंग करके मते डालकर उसमें बदलाव कर सकते हैं। सिद्धू ने कहा कि शहर के ही कुछ राजनेताओं, नगर निगम अफसरों और लैंड माफिया की मिलीभगत के बाद ही गुरदेव नगर की प्रॉपर्टी पर कब्जा जा रहा है। जिस संबंध में जल्द खुलासे भी किए जाएंगे।

एटीपी ने किस कानून के तहत नक्शा किया जारी, जरुर बताएं
वहीं, बिक्रम सिंह सिद्धू ने कहा कि जिस बिल्डिंग ब्रांच के एटीपी मोहन सिंह द्वारा कहा जा रहा है कि गुरदेव नगर की प्रॉपर्टी प्राइवेट है और इसका नक्शा पास है। उसे एक चीज समझ लेनी चाहिए कि एक बार सरकारी प्रॉपर्टी घोषित होने के बाद उसका प्राइवेट तौर पर नक्शा पास नहीं हो सकता। पार्क को कभी भी बेचा नहीं जा सकता। एटीपी द्वारा किस कानून के तहत यह नक्शा पास किया है, वह मुझे आकर जरुर समझाए। सिद्धू ने कहा कि राजनेताओं और अफसरों द्वारा सिर्फ मोटी कमाई करने के चक्कर में मते डाले जाते हैं। उन्होंने कहा कि झूठे मते डालने का खेल खेलने वाले राजनेताओं और नगर निगम के अफसरों की विजिलेंस द्वारा जांच की जाए। जिसमें कई अहम खुलासे होंगे। इसी तरह करके राजनेताओं और निगम अफसरों द्वारा कई सालों से अवैध कब्जे किए जा रहे हैं।

सीएलयू जारी करना कानूनी तौर पर संभव नहीं
बिक्रम सिंह सिद्धू ने कहा कि नगर निगम की हद में अगर एक जगह रिहायशी एरिया, पार्क या सड़कें घोषित हो गई, बाद में उसे बदला नहीं जा सकता। नगर निगम द्वारा जो सीएलयू जारी कर परमिशनें दे दी जाती है, वह कानूनी तौर पर संभव ही नहीं है। यहां तक कि कई रिहायशी इलाकों में कमर्शियल इमारतें बनने पर सीएलयू दे दिया जाता है। वह भी अफसरों और नेताओं की मिलीभगत के साथ ही होता है। नियमों के मुताबिक सीएलयू जारी कर नक्शे में बदलाव ही नहीं हो सकता।

अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ी जाएगी लड़ाई
बिक्रम सिद्धू ने कहा कि लोगों द्वारा गुरदेव नगर का मामला उनके ध्यान में लाया गया है। जिसकी बकायदा मौके पर जाकर जांच भी की गई है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रदूषण फैल रहा है, ऐसे में यह पार्क ही हमारी ब्लड लाइन है। जिसके चलते इन अवैध कब्जों को होने नहीं दिया जाएगा। बिक्रम सिद्धू ने कहा कि मान्नीय हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेशों को इप्लीमेंट कराया जाएगा। यह लड़ाई आखिक तक लड़ी जाएगी और लोगों को आ रही परेशानी का समाधान किया जाएगा।

मल्हार रोड के अवैध कब्जे भी छुड़वाए जाएंगे
वहीं सिद्धू ने कहा कि मल्हार रोड को लेकर भी मामला काफी चर्चा में है। जहां सुए की जमीन पर ही लोगों ने कब्जे कर लिए और इससे 120 फीट की सड़क 90 फीट रह गई। लेकिन यह हमारी मौजूदा और आने वाली पीढ़ी के साथ बेईमानी की जा रही है। निगम सरेआम धक्केशाही कर रहा है। लेकिन ऐसे नहीं होने दिया जाएगा। 2008 में हाईकोर्ट ने कब्जे छुड़वाने को कहा था। लेकिन बाद में निगम अफसरों और राजनेताओं ने मिलकर इन आदेशों को लागू नहीं कराया और अवैध कब्जे करवा दिए। लेकिन वह इस केस को रिओपन करवाकर अवैध कब्जे छुड़वाएंगे।

पहले भी 450 करोड़ की जमीन 92 करोड़ में की नीलाम
एडवोकेट सिद्धू ने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस सरकार के समय लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रमण्यम के टन्योर में 450 करोड़ की जमीन 92 करोड़ में नीलाम कर दी थी। लेकिन पूर्व सीएम कैप्टन द्वारा इस घोटाले का पता चलने पर नीलामी कैंसिल कर दी थी। विजिलेंस द्वारा इस मामले में कई आरोपियों को नामजद भी किया। हालांकि यह मामला अदालत में विचाराधीन है।

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