पंजाब/यूटर्न/17 जुलाई: पंजाब की ऐतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना में 10 मुर्हरम यौमे आशूरा के मौके पर जलसे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहंमद उसमान रहमानी लुधियानवी ने की। समारोह की शुरूआत करते हुए कारी मोहतरम साहिब ने पवित्र कुरान शरीफ की तिलावत की और गुलाम हसन कैसर, हस्सान नसीरावादी ने अपना नातिया कलाम पेश किया। इस मौके पर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहंमद उसमान रहमानी लुधियानवी ने मुसलमानों को संबेाधित करते हुए कहा कि करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन शहीद (रजि.) ने इंसानियत को जालिमों के खिलाफ हक की आवाज बुलंद करने का वो सबक दिया है जिसे रहती दुनिया तक याद किया जाता रहेगा। शाही इमाम ने कहा कि आशूरा का दिन बड़ी ही बरकतों और रहमतों वाला दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन रोजा रखना अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद साहिब सल्ललाहु अलैही वसल्लम की सुन्नत है। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें ज्यादा से ज्यादा इबादत में लगाना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ दान देकर वह रब को राजी करना चाहते हैं तो वह गलत सोचते हैं। दान देने से पहले अपने कर्म अल्लाह के हुक्म अनुसार करने होंगे। यौमे आशूरा के दिन ही अल्लाह पाक ने जमीन, आसमान, हवा, पानी, इंसान और हर चीज को बनाया और 10 मुहर्रम यौमे आशूरा के दिन ही कयामत आयेगी। शाही इमाम ने कहा कि आज यौमे आशूरा का दिन जहां हमें हजरत इमाम हुसैन (रजि.) की कर्बुानियों से सबक देता है, वहीं अपने देश के प्रति भी कुर्बानी देने की प्रेरणा देता है। इस मौके पर शाही इमाम पंजाब ने देश में आपसी भाईचारे और अमन शांति के लिए दुआ भी करवाई। इस मौके पर मुफती मुहंमद जमालुद्दीन, मौलाना कारी मुहम्मद इब्राहिम, मौलाना अब्दुल रहमान व जामा मस्जिद के अध्यक्ष मुहंमद मुस्तकीम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
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