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रुक गई घडी की टिक टिक टाइटन रत्न टाटा नहीं रहे

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JRatan Tata : विश्व के अनमोल रत्नों में शुमार दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने 86 साल की आयु में अंतिम सांस ली। उनका निधन रात करीब 11:30 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था। वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के पुत्र थे। टाटा समूह को वर्तमान ऊंचाइयों पर पहुंचाने में रतन टाटा बहुत बड़ा योगदान है। गौरतलब है कि निधन से एक दिन पहले भी टाटा के आईसीयू में भर्ती होने के दावे किए गए थे, लेकिन खुद टाटा ने इसका खंडन कर दिया था।

टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया। उन्होंने टाटा को दूरदर्शी सोच का व्यक्ति बताया और अपनी संवेदना प्रकट करते हुए असाधारण इंसान करार दिया। रतन टाटा को राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान के लिए साल 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

उनके निधन पर उद्योगपति हर्ष गोयंका ने लिखा’घडी की टिक टिक बंद हो गई, टाइटन नहीं रहे ” रत्न टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृवत और परोपकार के प्रतीक थे ‘

 

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